
पुलिस भर्ती में मप्र शासन ने अन्य राज्यों के प्रतिभागियों के लिए अधिकतम पदों का नियम खत्म कर दिया। यानी ओपन की सभी सीटों पर को अन्य राज्यों के उम्मीदवारों के लिए चयनित होने का रास्ता खोल दिया गया। जबकि अन्य राज्यों में 5 फीसदी से अधिक बाहरी प्रतिभागियों का चयन नहीं किया जाता है। यह नियम पहले की परीक्षाओं में मध्यप्रदेश में भी लागू था। प्रदेश के प्रतिभागियों का कहना है कि 5 प्रतिशत वाले नियम को पुन: लागू करना चाहिए ताकि उनके साथ अन्याय बंद हो। आरक्षण के बाद बची सीटों पर तो उन्हें पूर्ण अवसर मिल सके।
पुलिस भर्ती में जीएडी के नियमों का खामियाजा प्रदेश के युवाओं को भुगतना पड़ा है। विसंगति से भरे नियमों का असर यह हुआ कि अन्य राज्यों के उम्मीदवारों ने सामान्य वर्ग के आधे से अधिक पदों पर कब्जा जमा लिया। प्रदेश के जनरल कैटेगरी वाले युवाओं को 5075 में से मात्र 1293 पदों पर ही संतोष करना पड़ा।
"जब तक मामा है, तब तक भांजे भांजियों को अपने भविष्य की चिंता करने की जरूरत नहीं है "...— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) February 20, 2018
कोलारस विधानसभा के ग्राम अकझिरी (रन्नोद मंडल) में विशाल चुनावी आमसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा#KolarasVijayBJP pic.twitter.com/qYU0OjBjsK