भोपाल। पंचायत स्तर पर नियुक्ति, निश्चित मानदेय और एबीएफओ की भर्ती में गौ सेवको को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर सोमवार को गो सेवकों ने राजधानी भोपाल में जंगी प्रदर्शन किया। अपनी मांगो के समर्थन में गो सेवक नीलम पार्क में एकत्रित होकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हे नीलम पार्क में ही रोक दिया। अनुमति नही होने की वजह से पुलिस ने गो सेवकों को पार्क के अंदर कर बाहर से लोहे का गेट बंद कर दिया। पुलिस प्रशासन द्वारा पार्क में बंद किए जाने से नाराज गोसेवकों ने पार्क के अंदर ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गोसेवकों को भीड देखते हुए पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस के आलाअधिकारियों ने संघ नेताओं को सीएम के पास उनका मांग पत्र पहुंचाने का आश्वासन दिया लेकिन संघ के पदाधिकारी नही माने।
कांग्रेस की रैली का हवाला देकर पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें नीलम पार्क के बजाए शाहजहांनी पार्क में शिफ्ट होने की बात कही। इस पर गो सेवक राजी हो गए। गो सेवक नीलम पार्क से पैदल मार्च और नारेबाजी करते हुए काली मंदिर के पास पहुंचे तब उन्होने शाहजहानी पार्क में जाने से मना कर दिया। गो सेवकों के अचानक शाहाजहानी पार्क में जाने से मना करने पर पुलिस अधिकारी सकते में आ गए। क्योंकि बुधवारा चारबत्ती चौराहे से कांग्रेस की किसान अधिकार यात्रा गुजरने वाली थी।
कांग्रेस की चार बत्ती से शुरु हुई किसान अधिकार यात्रा जैसे ही काली मंदिर पर पहुंची वहां गो सेवकों की भारी भीड देखकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव और विधायक जीतू पटवारी साइकिल से उतरकर गोसेवक संघ के पदाधिकारियों से मिलने पहुंच गए। यादव और पटवारी गोसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ सडक पर बैठ गए उन्होने गोसेवकों की मांगो पर चर्चा कर उन्हे पूर्ण मदद का भरोसा दिलाया। कांग्रेस ने गौसेवकों की मांगो का समर्थन भी किया।
नीलम पार्क से काली मंदिर तक का नजारा बिल्कुल अलग था प्रदेश के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में आए गोसेवक हाथो में तख्तियां लिए हुए थे । तख्तियों पर पंचायत स्तर पर नियुक्ति और एएफवीओ की भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग के नारे लिखे हुए थे। नीलम पार्क पर सुबह 6 बजे हजारों की संख्या में गोसेवक एकत्रित होकर सीएम हाउस कूच करने वाले थे लेकिन पुलिस प्रशासन को गोसेवकों के इतनी बडी तादात में इक्टठे होने की भनक तक नही लग पाई।
काली मंदिर में की पूजा
गोसेवक संघ के पदाधिकारियों ने काली मंदिर में मां काली की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया और सरकार की सद्बुद्धी के लिए प्रार्थना की। संघ के अध्यक्ष राजेश धौलपुरे ने बताया कि मां काली ही सरकार को सद्बुद्धी दे सकती है इसलिए मंदिर में आकर उन्होने विधि विधान से पूजा अर्चना कर मां के चरणों में अपना मांग पत्र भी अर्पित किया।
पहले दिया अल्टीमेटम अब उतरें सडकों पर
गौरतलब है कि संघ के सभी जिलाध्यक्षो ने 7 फरवरी को भोपाल में बैठक की इसके बाद प्रेसवार्ता के माध्यम से सरकार से मांगों का निराकरण करने का अल्टीमेटम दिया था। बावजूद इसके सरकार या विभाग की ओर से गौ सेवकों की मांगो पर ध्यान नही दिया गया। इस बात से दुखी होकर गौसेवकों ने 26 फरवरी को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने का फैसला लिया था। संघ ने चेतावनी दी है कि जेल भरों आंदोलन के बाद भी सरकार ने उनकी मांगे नही मानी तो गोसेवक अपने पूरे परिवार के साथ राजधानी भोपाल में धरना देकर जल सत्याग्रह, भूख हडताल और विशाल आंदोलन कर अपनी मांगे मनवायेंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।
गौसेवक है महत्वपूर्ण कडी
संघ के मीडिया प्रभारी जगदीश शर्मा ने बताया कि गौसेवक पशुपालन विभाग एवं सरकार की महत्वपूर्ण कडी है। पशुपालन विभाग के कृत्रिम गर्भादान, प्राथमिक उपचार, टीकाकरण, बधियाकरण विभाग द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओँ में ईमानदारी से काम करते है। गौसेवक गोकुल महोत्सव, कृषि महोत्सव, गोपाल पुरुस्कार, नंदी शाला योजना, मुर्रा पाडा योजना में भी किसानों को जागरुक कर रहे है। बावजदू इसके उनको नियमित नही किया जा रहा है।
हजारों गोसेवकों ने दी गिरफ्तारी
मांगे नही माने जाने से नाराज गोसेवकों को पुलिस शाहजहानी पार्क ले जा रही थी लेकिन रास्ते में गोसेवकों ने पार्क में जाने से मना कर दिया और तलैया थाने के सामने सडक पर बैठ गए। इस दौरान गोसेवकों ने अपनी मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। पुलिस अधिकारियों ने वायरलेस पर गोसेवकों के सडक पर बैठने की सूचना देकर काली मंदिर पर पुलिस बल बुला लिया। इस वजह से यह इलाका छावनी में तबदील हो गया। पुलिस अधिकारी संघ के पदाधिकारियों को समझाते रहे लेकिन पदाधिकारी नही माने पदाधिकारी मुख्यमंत्री जी से मिलकर उन्हें अपनी मांगो से अवगत कराना चाहते थे। जब गो सेवक नही माने तो पुलिस ने पुलिस बस बुलाकर गोसेवकों को गिरफ्तार कर लिया। हजारों गोसेवकों ने भी नारेबाजी करते हुए पुलिस को अपनी गिरफ्तारी दी।
संघ के अध्यक्ष राजेश धौलपुरे का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी प्रशिक्षित गोसेवकों की मांगो पर ठोस निर्णय नही लेते तब तक गो सेवक राजधानी में रहकर अपना आंदोलन अनवरत चलाते रहेंगे।। संघ ने चेतावनी दी है कि इसके बाद भी उनकी मांगे नही मानी गई तो 23 हजार गौसेवक अपने परिवार के साथ राजधानी में आंदोलनरत होंगे इसकी जबावदारी शासन प्रशासन की होगी।