सीधी। अतिथि शिक्षक संघ द्वारा अपनी मांगो को लेकर विधिका भवन सीधी मे तीन हजार धरना-प्रदर्शन व शहर मे रैली निकाल कर जन मानस को अपनी व्यथा सुनाया गया इसके बाद कलेक्टर को मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा गया। धरना-प्रदर्शन मे हजारों के संख्या मे जिले के अतिथि शिक्षक शामिल हुए तथा सभी ने कसम खाई की यदि सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले विधानसभा चुनाव में कोई भी अतिथि शिक्षक व उनके परिवार के लोग भाजपा को वोट नही देगे।
जिलाध्यक्ष रविकांत गुप्ता ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों को नही पूरा करेगी तो जिले प्रत्येक अतिथि शिक्षक गांव मे सरकार की शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीतियों से अवगत करायेगा। उनके द्वारा आगे कहा गया है कि जिले की शिक्षण विहीन शालाओ में शिक्षण कार्य सम्पन्न करा रहे अतिथि शिक्षकों को कई माह से मानदेय नही मिला। कार्य दिवस के मान से नाममात्र के मानदेय पर अतिथि शिक्षक एक सहायक अध्यापक, अध्यापक की भाॅति शिक्षण कार्य नियमित रुप से कर रहे है। बाबजूद इसके हर माॅह अतिथि शिक्षकों को मानदेय नही दिया जाता है। जिससे उनके बीबी बच्चो के सामने आर्थिक संकट के बादल मडरा रहे है। अपने परिवार का भरण पोषण के लिये उन्हे दो चार होना पडता है। म.प्र.सरकार के शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों को ऑनलाइन प्रक्रिया के बुने हुए जाल में उलझा दिया गया था जिससे अतिथि शिक्षकों का आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान होना पड़ा | और कई अनुभवी अतिथि शिक्षक को बाहर होना पड़ा। और बाद मे अनलाइन प्रक्रिया को बिना किसी सूचना के बंद कर दी गई ।
सीधी विधायक का मिला सहमति पत्र
अतिथि शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल अपनी मांगो को लेकर सीधी विधायक केदार नाथ शुक्ला से मिला उनके द्वारा कहा गया कि अतिथि शिक्षकों की मागे जायज है उनके आसवासन दिया कि आगामी विधायक दल की बैठक मे मुख्य मंत्री से आपके मांगों के संबंध मे चर्चा करूगा। उनके द्वारा अतिथि शिक्षकों के समर्थन मे मुख्य मंत्री के नाम सहमति पत्र लिखा गया।
अतिथि शिक्षको की प्रमुख मागे
माननीय उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार गुरूजी की तरह संविदा शिक्षक बनाया जाय व उम्र मे छूट दी जाय।
अतिथि शिक्षको की सत्रवार सेवा को वित्तीय वर्ष की सेवा मानकर रिक्त पदानुसार 12 वर्ष का कार्य अवसर एवं वेतन दिये जाने हेतु नियम प्रावधान सुनिश्चित किया जाय।
अतिथि शिक्षको को उनकी दी गई सेवा अवधि को अनुभव आधार मानते हुए उन्हें Bed/Ded की उपाधि/पत्रोपाधि की बाध्यता से मुक्त रखा जावे।
अतिथि शिक्षको के कार्यकाल अवधि तीन वर्ष से ऊपर है उन अतिथि शिक्षकों को उन्हे संविदा शिक्षक बनाया जाय
मांग 2005/2008/2011 की किन्ही भी एक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण व तीन वर्ष का कार्य काल पूर्ण कर चुके अतिथि शिक्षक को संविदा संवर्ग मे समायोजन किया जाय।