राजधानी में डटे हैं 60 हजार से ज्यादा कर्मचारी | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक तरफ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है तो दूसरी तरफ विभिन्न संगठनों के 60 हजार से ज्यादा कर्मचारी आ डटे हैं। सभी अपनी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान सरकार में यह उनका लास्ट चांस है। सेकंड बस स्टॉप स्थित आंबेडकर मैदान में सर्व कर्मचारी महागठबंधन संघ के बुलावे पर नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेशभर से 8 कैडर के हजारों कर्मचारी यहां पहुंचे। परमिशन खत्म हो जाने के बाद भी हजारों कर्मचारी राजधानी में हैं।  

जब तक मांगें नहीं मानेंगे तब तक डटे रहेंगे 
तीन माह तक प्रदेश में घूमकर आठ कैडर के कर्मचारियों को एकजुट किया। अतिथि शिक्षकों को 6 माह से मानदेय नहीं मिला है। अन्य कैडर के कर्मचारी भी इसी बात से नाराज हैं। सरकार इनकी मांगें मानने को तैयार नहीं। हमने महागठबंधन बनाया, इसी का नतीजा रहा कि प्रदर्शन में 60 हजार से ज्यादा कर्मचारी पहुंचे। 
शंभुचरण दुबे, अध्यक्ष, सर्व कर्मचारी महागठबंधन संघ 

अन्य संगठनाें के आ जुटने से यह हाल 
अतिथि शिक्षकों ने अांबेडकर मैदान में 24 फरवरी को प्रदर्शन करने की अनुमति ली थी। उनके आग्रह पर 25 फरवरी तक बढ़ाया गया था। इस प्रदर्शन में 10-15 हजार अतिथि शिक्षकों के शामिल होने का अनुमान था। इसमें आठ अन्य संगठन भी शामिल हो गए, इसलिए भीड़ ज्यादा नजर आ रही है। 
धर्मवीर सिंह यादव, एएसपी जोन-1 

अध्यक्ष किसी कैडर के कर्मचारी नहीं 
यह महागठबंधन तीन महीने पहले ही बना है। इसके अध्यक्ष शंभुचरण दुबे इन सभी कैडर में से किसी के भी कर्मचारी नहीं हैं। वे सतना जिले के भरहुत के रहने वाले हैं। 

प्रदर्शन में इन कैडरों के कर्मचारी 
अतिथि शिक्षक, मीटर वाचक, आशा-उषा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता- सहायिकाएं, जनस्वास्थ्य रक्षक, रसोइया, गौ-रक्षक और प्रेरक। 

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