पढ़िए PRAVEEN TOGADIA के पुराने मामलों की फाइलें क्यों खुल रहीं हैं | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े हिंदू नेताओं में से एक और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया सोमवार को अचानक लापता हुए और फिर बेहोश पड़े मिले। ये सबकुछ उस व्यक्ति के साथ हुआ जिसे झेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। इसी के साथ कई सवाल खड़े हो गए। जवाब तो तोगड़िया के पास ही हैं, परंतु हम आपको बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों में ऐसा क्या हुआ जो केंद्र, राजस्थान और गुजरात में BJP की सरकार होने के बावजूद तोगड़िया के छोटे-छोटे मामलों की फाइलों को भी प्रमुखता से खोला गया। 

तोगड़िया को VHP से हटाना चाहते हैं
वीएचपी के कुछ नेताओं का मानना है कि तोगड़िया के खिलाफ पिछले एक महीने से घटनाक्रम तेजी से बदल रहा था जो राजनीति से प्रेरित और उन्हें 'नीचा दिखाने की' साजिश थी। सूत्रों ने बताया कि RSS और BJP दोनों ही चाहते थे कि VHP तोगड़िया को मुक्त करे। तोगड़िया ने इसका कड़ा विरोध किया था जिसके फलस्वरूप उनके खिलाफ पुराने मामलों में कार्रवाई तेज कर दी गई।

RSS के खिलाफ रेड्डी को बनाए रखा
गुजरात के एक वरिष्ठ वीएचपी नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, 'हाल ही में भुवनेश्वर में वीएचपी के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई थी। तोगड़िया का अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का कार्यकाल 31 दिसंबर 2017 को खत्म हो रहा था और उनके साथ ही अध्यक्ष राघव रेड्डी का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा था। आरएसएस रेड्डी की जगह वी. कोकजे को अध्यक्ष बनाना चाहता था लेकिन तोगड़िया ने इसका विरोध किया और रेड्डी को पद पर बनाए रखने पर जोर दिया।' 

BJP तोगड़िया को छोड़ने वाली नहीं है
उन्होंने बताया, 'बाद में तोगड़िया ने एक विशाल सभा को संबोधित किया और कहा कि कुछ नेता उन्हें हटाना चाहते हैं। तोगड़िया ने राम मंदिर और गोरक्षा को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था। यही नहीं उन्होंने गोसेवा के लिए कांग्रेस की प्रशंसा भी की।' वीएचपी नेता ने कहा, ' पिछले 15 दिन में तोगड़िया का नाम दो मामलों में उभरकर सामने आया है। इसमें एक गुजरात और दूसरा राजस्थान से है। गुजरात के 22 साल पुराने मामले में तोगड़िया अपने समर्थकों के साथ कोर्ट गए थे। हालांकि उन्हें तलाश करने पहुंची राजस्थान पुलिस खाली हाथ लौट गई थी। जिस तरह से चीजें तोगड़िया के खिलाफ जा रही हैं, उससे लगता है कि बीजेपी तोगड़िया को छोड़ने वाली नहीं है।

CM बनते ही मोदी ने तोगड़िया को साइड लाइन कर दिया था
बता दें, वर्ष 2002 में गुजरात के तत्कालीन सीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि तोगड़िया सरकार के कामकाज विशेषकर गृह विभाग के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। माना जाता है कि यहीं से दोनों के बीच संबंधों में दरार शुरू हुई। मोदी द्वारा साइडलाइन किए जाने से तोगड़िया ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया। यह विवाद तब और बढ़ गया जब मोदी सरकार ने गांधीनगर में 200 मंदिरों को ढहा दिया और मोहम्मद अली जिन्ना पर लाल कृष्ण आडवाणी के बयान के बाद प्रदर्शन कर रहे वीएचपी कार्यकर्ताओं की पुलिस ने पिटाई कर दी। तोगड़िया ने मोदी के वर्ष 2011 में मुसलमानों के लिए 'सद्भावना' संदेश का मजाक उड़ाया और कहा कि उन्होंने छवि बदलने के लिए हिंदुत्व के अजेंडे का त्याग कर दिया है। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !