ऐसे लोगों में जूते मारने चाहिए, अधिकारी क्या सो रहे हैं: मंत्री गोपाल भार्गव | MP NEWS

भोपाल। छतरपुर के एक सरकारी स्कूल में मासूम बच्चों को नाली का पानी पिलाने के मामले में मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने प्रति​​क्रिया व्यक्त की है। People who compromise with children's nutrition must be hit with shoes. Are officers sleeping? They want all their rights but don't perform duties: Gopal Bhargava, MadhyaPradesh minister on children in Chhatarpur school drink canal water, eat salt & chapati in mid-day meal

मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि वो लोग जो बच्चों के पोषण से समझौता करते हैं, उन्हे जूते मारना चाहिए। अधिकारी क्या सो रहे हैं। वो अधिकारों की मांग करते हैं परंतु अपनी ड्यूटी पूरी नहीं करते। बता दें कि छतरपुर के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को मध्याह्न भोजन के नाम पर रोटी और नमक दिया जाता है और पेयजल के लिए उन्हे नहर से निकलने वाली एक नाली का पानी पीना पड़ता है। स्कूली छात्रों को ही यहां बर्तन भी मांजने पड़ते हैं। 

क्या है मामला
भोपाल समाचार डॉट कॉम ने 7 जनवरी को यह खबर लाइव की थी। ( इस स्कूल में छात्रों को नाली का पानी पिलाया जाता है ) मामला छतरपुर जिले के राजनगर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सूरजपुरा स्थित सरकारी स्कूल का है। जहां पर स्कूल खुले में लगता ही है, साथ ही पेयजल की भी कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में प्यास बुझाने बच्चे मजबूरन नाली का पानी पीते हैं। यहां आठवीं तक स्कूल हैं, स्कूल भवन भी बना हुआ है लेकिन भवन की सुपुर्दगी नहीं हो पाने से मासूम खुले में बैठते हैं। आदिवासी बाहुल्य इस गांव के बच्चों में पढ़ने की ललक तो है लेकिन सुविधाएं नहीं। यहां तक कि पेयजल के इंतजाम तक नहीं हैं। ये बच्चे इतने मजबूर हैं कि मिड-डे-मील के बाद इसी नाली में बर्तन धोते हैं हैं और इसी का पानी भी पीना पड़ता है।

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