
MBBS छात्र रहते परीक्षा दी थी
वीरेन्द्र मौर्या ने वर्ष 2012 में राजकीय मेडिकल कॉलेज कानपुर में एमबीबीएस का छात्र होते हुए भी व्यापमं की एमपीपीएमटी-2012 की परीक्षा में हिस्सा लिया। एमबीबीएस में उसका प्रवेश वर्ष 2008 में ही हो गया था। मध्य प्रदेश के किसी निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने की जरूरत न होते हुए भी उसने षड्यंत्र के तहत एक छात्र को परीक्षा में मदद पहुंचाने के लिए यह परीक्षा दी थी। मौर्या ने परीक्षा उत्तीर्ण कर भोपाल के एक निजी मेडिकल कॉलेज में अपने लिए एक सीट आरक्षित करा ली। बाद में उसने यह सीट छोड़ दी, जिस पर दलाल की मदद से मेडिकल कॉलेज ने बिना तय प्रक्रिया का पालन किए प्रवेश ले लिया।
डॉक्टर वीरेंद्र मौर्य को जेल भेजा
भोपाल। व्यापमं की पीएमटी परीक्षा 2012 में हुए घोटाला मामले में फरार आरोपी वीरेन्द्र मौर्य को गिरफ्तार कर शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश डीपी मिश्रा की अदालत में पेश किया। कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया गया है। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने अदालत को बताया कि आरोपी पीएमटी 2012 मामले में चालान पेश होने के बाद से फरार था। सीबीआई के उपनिरीक्षक एमके पांडे ने आरोपी को उत्तरप्रदेश के बाराबंकी क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने आरोपी को शाम साढे पांच बजे कोर्ट में पेश किया। गौरतलब है कि आरोपी ने पीएमटी परीक्षा 2012 में इंजन कैंडिडेट का रोल निभाया था। उसने गणेशशंकर विद्यार्थी मेमोरियल कॉलेज कानपुर (GANESH SHANKAR VIDYARTHI MEMORIAL COLLEGE KANPUR) से डिग्री हासिल की है।