युद्ध की तैयारियां कर रहा है चीन | WORLD NEWS

नई दिल्ली। अमेरिका और पाकिस्तान, अमेरिका और उत्तर कोरिया एवं भारत और पाकिस्तान के बीच टांग अड़ा चुका चीन अब युद्ध की तैयारियां कर रहा है। चीन को उम्मीद है कि तीन में से किसी ना किसी एक देश में तो हालात युद्ध के बन ही जाएंगे और उसे बीच में आना होगा। चीन लम्बे समय से अमेरिका और भारत के खिलाफ माहौल तैयार कर रहा है। वो शायद युद्ध को अपनी धाक जमाने के लिए अच्छा अवसर मान रहा है। 

चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग द्वारा 3 जनवरी को ट्रेनिंग के आदेश जारी होने के बाद चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अपनी नौसेना, वायुसेना, मिसाइल और पुलिस बलों के साथ घर तथा विदेश में सैन्य अभ्यास किया। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा कल जारी किए गए आधिकारिक बयान में सैनिकों को तत्कालिक खतरों और आत्ममुग्धता से बचने की सलाह दी गई थी। चीनी नौसेना द्वारा हिंद महासागर के जिबूती बेस पर अभ्यास किया गया जिसे आधिकारिक रूप से एक लॉजेस्टिक बेस कहा जाता है।

2018 की शुरूआत के साथ ही चीन ने शुरू किया युद्धाभ्यास
चीन की 2.3 मिलियन आर्मी के मुखपत्र कहे जाने वाले पीएलए डेली ने दावा किया है कि 2018 की शुरूआत के साथ ही चीन ने अपने सबसे उन्नत सैन्य लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास करना शुरू कर दिया है जिनमें जे-20 लड़ाकू विमान, वाई -20 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एच-6के बॉम्बर तथा जे-16, जे-11बी, जे-10सी जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं।

तिब्बती के पठार में किया जा रहा है अभ्यास!
जे -20 लड़ाकू विमान जे -16 सहित अन्य लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर इस प्रशिक्षण का संचालन किया जा रहा है।  ये लड़ाकू विमान ऐसे जगहों पर अभ्यास कर रहे हैं जिनकी जानकारी किसी के पास नहीं है। अखबार के मुताबिक यह अभ्यास इसलिए किया जा रहा है ताकि लंबे समय तक सेना की क्षमता में सुधार हो सके। जिस 'पठारी क्षेत्र' में यह अभ्यास किया गया वह तिब्बती पठार में स्थित है और यह भारत और चीन के बीच एक लंबी वास्तविक नियंत्रण (एलएसी) रेखा को कवर करता है।

73 दिनों तक चला था डोकलाम विवाद
सिक्किम, चीन और भूटान सीमा पर स्थित डोकलाम पठार पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के अतिक्रमण के बाद 16 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध पैदा हो गया था। चीन ने इस इलाके में सड़क का निर्माण शुरू कर दिया था। उसने भूटान के इस इलाके पर अपना दावा जताया था। इस पर भारतीय सेना ने आपत्ति जताई थी। चीन के निर्माण रोकने के बाद दोनों देशों के बीच आपसी सहमति से यह गतिरोध 28 अगस्त को समाप्त हुआ था। जम्मू-कश्मीर से अरुणाचल प्रदेश तक भारत की चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक सीमा रेखा लगती है।

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