भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PROFESSIONAL EXAMINATION BOARD) द्वारा आयोजित मध्यप्रदेश पटवारी परीक्षा 2017 / MP PATWARI EXAM 2017 के पहले दिए ठप हुए सर्वर का मामला उलझता जा रहा है। टीसीएस जैसी कंपनी का सर्वर ठप होना संदेह को जन्म देता है। इधर पीईबी के डायरेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर इसे ट्रायल एंड एरर बता रहे हैं जबकि पीईबी 2015 से आॅनलाइन परीक्षाएं करा रही है। इसके विपरीत परीक्षा नियंत्रक एकेएस भदौरिया का कहना है कि एडमिट कार्ड जारी होने के बाद पीईबी का काम खत्म हो जाता है। परीक्षा तो टीसीएस कराती है। सारे सेंटर उसी के हवाले हैं।
सिर्फ 8 हजार उम्मीदवार पेपर नहीं दे पाए
टीसीएस कंपनी का सर्वर डाउन होने के कारण शनिवार को पहली पाली में परीक्षा डिले हुई थी, लेकिन रद्द नहीं हुई। कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी परीक्षा रद्द हो गई है। इस कारण उम्मीदवार या तो वापस लौट गए या परीक्षा हॉल के बाहर खड़े रहे। सिर्फ 8 हजार उम्मीदवार परीक्षा नहीं दे पाए।
परीक्षा तो टीसीएस कराती है
परीक्षामें पीईबी का कोई रोल नहीं हैं। परीक्षा की आयोजक टीसीएस कंपनी है। सारे सेंटर उन्हीं के हवाले हैं। स्टाफ भी उन्हीं का है। इसलिए परीक्षा में कोई भी दिक्कत हुई है, उसके लिए सीधे तौर पर टीसीएस कंपनी की जिम्मेदारी बनती है।
पीईबी तो सिर्फ को-ऑर्डिनेटर है
जबसे ऑनलाइन परीक्षा हो रही है, तब से पीईबी की भूमिका सिर्फ एग्जाम को-ऑर्डिनेटर की है। हमारा काम परीक्षा के लिए फंड अरेंज कराना और नियम बनाना है। परीक्षा की मॉनिटरिंग भी की जाती है। इसके लिए एक सेंटर पर हमारे दो ऑर्ब्जरवर होते हैं, बाकी मैनपावर कंपनी का ही होता है।
BLACK LIST करने का प्रावधान ही नहीं है
ऐसे मामलों में कंपनी पर पेनाल्टी लगाने का प्रावधान है। ब्लैकलिस्ट करने जैसा कोई प्रावधान नहीं है। प्रोटोकॉल कमेटी इसका परीक्षण करेगी। टीसीएस वैलनोन और ब्रांडेट कंपनी है। उसका इंफ्रास्ट्रक्चर बड़ा है। टेंडर प्रक्रिया के जरिए कंपनी चुनी गई है।