भोपाल। भोपाल समाचार डॉट कॉम की खबर का सटीक असर हुआ और लाखों बेरोजगारों की सबसे बड़ी समस्या का समाधान होने जा रहा है। प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की परीक्षाओं में फिंगर प्रिंट विवाद अब नहीं होगा क्योंकि यदि अभ्यर्थी का फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुआ तो आखों का मिलान किया जाएगा। इसे आइरिस कहते हैं। यदि आइरिस क्लीयर हो गया तो परीक्षा कक्ष में प्रवेश दे दिया जाएगा। बता दें कि यह मुद्दा केवल भोपाल समाचार डॉट कॉम ने पटवारी परीक्षा से पहले उठाया था और यह भी बताया कि बायोमेट्रिक आइडेंडिटीफिकेशन में केवल फिंगर प्रिंट पर्याप्त नहीं होते। आइरिस भी होना चाहिए। भोपाल समाचार डॉट कॉम ने कब उठाया था यह मुद्दा इस शीर्षक पर क्लिक करके पढ़ें: मप्र पटवारी परीक्षा: लाखों परीक्षार्थियोें की एंट्री खतरे में!
पीईबी के परीक्षा नियंत्रक अशोककुमार भदौरिया का कहना है बायोमेट्रिक थम इम्प्रेशन से कई परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों की पहचान नहीं हो पाती है। इस कारण नई व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए टीसीएस और एक अन्य आईटी कंपनी से बात की जा रही है। एक-दो माह में व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। पीईबी के सर्वर से आधार का जो डेटा जुड़ा हुआ है, उसमें थम इम्प्रेशन ही लिए जा सकते हैं।
अभी ये है समस्या
जिन आवेदकों के आधार कार्ड में थम इम्प्रेशन का मिलान नहीं हो रहा, उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में उम्मीदवारों को आधार केंद्र जाकर थम इम्प्रेशन फिर से स्कैन कराना पड़ रहा है। पीईबी की ओर से उम्मीदवारों को थम इम्प्रेशन वेरिफाई कराने के लिए कहा जाता है और सैकड़ों उम्मीदवार परीक्षा से वंचित रह जाते हैं।
दो आईटी कंपनियां सर्वर स्पीड बनाए रखेंगी
पटवारी परीक्षा में आधार वेरिफिकेशन और धीमे सर्वर की समस्या सामने आई है, इसे लेकर पीईबी अधिकारियों ने बताया परीक्षा के दिन कई केंद्रों पर कम्प्यूटर सिस्टम सर्वर से नहीं जुड़ पा रहे थे। इसकी जांच करने के बाद अब टीसीएस के साथ एक अन्य आईटी कंपनी को काम सौंपा गया है। सर्वर स्पीड को लेकर आ रही परेशानी दूर कर दी गई है।