सवाल उठे तो शिक्षामंत्री अनुपमा जायसवाल ने स्वेटर त्याग दिया | NATIONAL NEWS

लखनऊ। यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल अपने विभाग की नाकामी को छुपाने के लिए इमोशनल कार्ड खेला है। बजाए दोषियों पर कार्रवाई कर तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित कराने के उन्होंने ऐलान कर दिया है कि जब तक स्कूलों में बच्चों को स्वेटर नहीं बांट दिए जाएंगे, मैं भी स्वेटर नहीं पहनूंगी। उनका कहना है कि जब भी मैं स्वेटर पहनने के लिए जाती हूं, तो बच्चों का चेहरा याद आ जाता है। उन बच्चों से मेरा रिश्ता मां जैसा है। बता दें कि दिसम्बर खत्म हो रहा है। कड़ाके की सर्दी पड़ रही है परंतु स्वेटर कब तक बटेंगे, कुछ पता नहीं है। याद दिला दें कि शिक्षामंत्री बंद कार में सफर करतीं हैं। उनके आवास पर ऐसी लगा है जो सर्दी का अहसास ही नहीं होने देता परंतु बच्चों के परिवहन के लिए ना तो बंद कार है और ना ही स्कूल में एसी या हीटर। 

अखिलेश ने कसा तंज
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर योगी सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था- "सरकार बार-बार स्वेटर के टेंडर कैंसिल कर रही है। बच्चे सरकार की तरफ से दिए जाने वाले स्वेटर का इन्तजार ही कर रहे हैं। कहीं ऐसा न हो हमारे बच्चे झूठी उम्मीदों की आग तापते ही रह जाएं और उधर टेंडर प्रक्रिया पूरी होते-होते मई और जून आ जाए।''

अनुपमा जायसवाल दिया ये जवाब
अखिलेश के ट्वीट पर यूपी की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने इस ट्वीट कर जवाब दिया। उन्होंने कहा-"मिस्टर एक्स सीएम, आपकी सरकार रहते हुए 5 सालों तक बच्चे आग ही तापते रहे थे। हमारी सरकार में बच्चे जल्दी ही स्वेटर पहने नजर आएंगे।

30 नवंबर तक थी स्वेटर बांटने की डेडलाइन
बता दें कि शिक्षा विभाग ने 30 नवम्बर 2017 तक प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों में बच्चों को स्वेटर बांटे जाने की डेडलाईन तय की थी। अब स्थिति ये है कि बच्चों को स्कूलों में स्वेटर नहीं मिले हैं।

ये है पूरा मामला
जुलाई 2017 में प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के कुल 59 हजार स्कूलों में पढ़ रहे 1.53 करोड़ से अधिक बच्चों को फ्री स्वेटर बांटने की घोषणा की थी। विभाग ने इस प्रस्ताव पर सरकार की प्राशासनिक एवं वित्तीय मंजूरी लेने में 3 महीने का वक्त लगा दिया। इसके बाद अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में शासन की ओर से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर जारी करने का काम शुरू कर दिया था। निकाय चुनाव की आचार संहिता के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग की मंजूरी के बिना स्वेटर खरीदने के टेंडर पर रोक लगा दी गई। विभाग की ओर से मंजूरी मांगने पर आयोग ने 18 नवम्बर को स्वीकृति जारी की गई। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने 30 नवम्बर तक बेसिक स्कूलों में स्वेटर बांटने का निर्देश जारी किया था। अभी तक स्वेटर बांटने का काम शुरू नहीं हो पाया है।

तकनीकी कारणों से देरी हो गई: शिक्षा विभाग
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह ने कहा, "हमने भारत सरकार के पोर्टल GEM पर ई-टेंडरिंग के लिए एड निकाले थे। इस पर कई तरह के लोगों ने अपना इंट्रेस्ट दिखाया था।उसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। किसी तकनीकी कारणों से इसमें देरी हो रही है। पहले सरकार की तरफ से 30 नवम्बर का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन पूरा नहीं हो पाया। हम बहुत जल्दी सारे बच्चों को स्वेटर देंगे। हमने इस बारे में शिक्षा विभाग के डायरेक्टर को भी जल्द बंटवाने का निर्देश दिया है। हर बच्चे को ठंड से बचाकर पढ़ाई कराना हमारी जिम्मेदारी है।

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