
बता दें कि राहुल गांधी के साथ कमलनाथ की खराब ट्यूनिंग को लेकर अक्सर खबरें आती रहतीं हैं। संजय गांधी के स्कूल फ्रेंड रहे कमलनाथ उनके ही कहने पर राजनीति में आए थे। इंदिरा गांधी ने उन्हे आसान जीत के लिए मप्र के छिंदवाड़ा जिले में भेज दिया था। तब से वो लगातार छिंदवाड़ा के सांसद बने हुए हैं। उन्होंने कभी हार का स्वाद नहीं चखा। उन्हे गांधी परिवार का काफी करीबी माना जाता था। कई आयोजनों में तो जहां गांधी परिवार के लोगों को आमंत्रित किया जाता था, कमलनाथ वहां प्रतिनिधित्व करते थे।
परंतु राहुल गांधी के सक्रिय होने के बाद कमलनाथ थोड़ा असहज महसूस करने लगे थे। दिल्ली से खबरें आतीं रहीं हैं कि कमलनाथ को राहुल गांधी की राजनीति का तरीका पसंद नहीं आता था। वो आंख बंद करके राहुल गांधी की नीतियों को फॉलो करना नहीं चाहते थे। एक बार तो यह अफवाह भी उड़ी कि कमलनाथ कांग्रेस को छोड़कर जाने का मन बना रहे हैं परंतु बाद में कमलनाथ पार्टी लाइन पर आए और सार्वजनिक मंचों पर भी राहुल गांधी की तारीफ करने लगे। आज एक बार फिर उन्होंने 'मन की बात' कही है।