NARENDRA MODI के सरकारी ई-मार्केट पोर्टल मेें घोटाला, 465 रुपए की कुर्सी 17,532 में

Bhopal Samachar
भोपाल। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी खरीदी में होने वाले घोटालों को रोकने के लिए Government e-Market बनवाया था। नाम है GeM, कहा गया था कि देश भर के सभी सरकारी विभागों को न्यूनतम दरों पर सामग्री उपलब्ध होगी और इस तरह विभागीय खरीदी में होने वाले घोटालों को रोका जा सकेगा परंतु यहां तो और भी बड़ा घोटाला शुरू हो गया। अब तक 500 रुपए की कुर्सी 1750 रुपए में खरीदी जाती थी परंतु सरकारी ई-मार्केट पोर्टल पर तो यह 17532 रुपए में खरीदी बेची जा रही है। 

इस घोटाले का खुलासा देवास के पत्रकार संजय दुबे ने किया है। संजय की रिपोर्ट के अनुसार दूर संचार विभाग ने भी 465 रुपए कीमत की कुर्सी 17,532 रुपए में खरीदी। विभाग ने 6 कुर्सियां कुल 1 लाख 3 हजार रुपए में खरीदी हैं। शुरुआत में दूर संचार विभाग ने प्रत्येक कुर्सी की खरीदी के लिए 1 हजार रुपए कीमत निर्धारित की थी, लेकिन GeM से रिवर्स रेट प्रति कुर्सी 17,532 रुपए आई और खरीदी कर ली गई। हालांकि दूर संचार विभाग में संयुक्त सचिव संजय सिंह का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन इसका पता करवाएंगे। 

जिला पंचायत में 800 रुपए की कुर्सी 19200 में 
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत देवास जिला पंचायत में 24 गुना अधिक कीमत में 60 कुर्सियां खरीदी गई हैं। 30-30 कुर्सियां दो अलग-अलग फर्मों से 800 रुपए की विजिटर कुर्सी 19,200 रुपए में खरीद ली गई। इन कुर्सियों के लिए कुल 10 लाख रुपए चुकाए गए हैं। वहीं डीलक्स अलमारी जिसकी कीमत 6,390 रुपए थी, उसे 14,500 रुपए में खरीदा गया। इस तरह 34 अलमारियां 5 लाख रुपए में खरीदी गईं। जब गड़बड़ी की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में हुई तो अफसरों ने आनन-फानन में खरीदी गईं कुर्सियां और अलमारियों को वापस कर ऑर्डर कैंसिल कर दिया। 

1250 करोड़ का फर्जी खीरदेगी शिवराज ​सरकार
राज्य सरकार द्वारा अगले साल (2018) GeM के माध्यम से 1250 करोड़ रुपए के फर्नीचर की खरीदी किया जाना प्रस्तावित है। इसमें स्कूल शिक्षा और आदिमजाति कल्याण विभाग ने तो 200 करोड़ रुपए के कंप्यूटर खरीदी के ऑर्डर भी दे दिए हैं। इसमें प्रदेश के प्रत्येक स्कूल के लिए 2 लाख 60 हजार रुपए का सामान खरीदा जाना है। प्रत्येक नग कंप्यूटर की खरीदी 29 से 33 हजार रुपए निर्धारित की गई है, जबकि इसकी बाजार में कीमत 22 से 25 हजार रुपए है। 

क्या है GeM: Government e-Market
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ सचिवों के ग्रुप की सिफारिश पर केंद्र और राज्य में सरकारी खरीदी में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केट पोर्टल के जरिए खरीदी करने की व्यवस्था की है, जिसकी शुरुआत जनवरी 2017 में हुई थी। इसका उद्देश्य सरकारी दफ्तरों में सामान की खरीदी कम दरों में करना है, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान न हो। 

सीएम शिवराज सिंह की भूमिका संदिग्ध
इस मामले में सीएम शिवराज सिंह की भूमिका भी संदिग्ध है। उन्होंने कोई लिखित आदेश जारी नहीं किए परंतु मौखिक दवाब बनाया कि सभी विभाग ज्यादा से ज्यादा खरीददारियां GeM: Government e-Market से ही करें। इसी के कारण यहां से दनादन खरीदी हो रहीं हैं। केंद्र में GeM से खरीदी डायरेक्टर जनरल सप्लाई एंड डिस्पोजल (डीजीएसएंडडी) के अनुसार होनी है। इसके लिए डीजीएसएंडडी ने नियम बनाए हैं। इसी के अनुसार राज्य सरकारों को भी GeM से खरीदी के नियम तैयार करना है। सीएम शिवराज सिंह ने अधिकारियों को मौखिक आदेश तो दे दिए लेकिन अब तक नियम नहीं बनाए। अब इस संदेह का जन्म होता है कि यह लापरवाही है या षडयंत्र। बता दें कि वर्तमान नियमों के अनुसार प्रदेश में फर्नीचर खरीदी के लिए एलयूएन को अधिकृत किया है, जिससे खरीदी की 50 वस्तुओं की सूची आरक्षित है। इनकी खरीदी किसी अन्य संस्था से नहीं की जा सकती। इसी खरीदी में टेबल, कुर्सी और अलमारी शामिल हैं। बावजूद इसके अन्य संस्थाओं से खरीदी की जा रही है। 

हमने ऑर्डर कैंसिल कर दिया है 
कुर्सियों-अलमारी खरीदने के ऑर्डर दिए थे। बाजार में इसका परीक्षण करवाया तो कीमतें काफी ज्यादा थीं। इसलिए ऑर्डर कैंसिल कर दिया गया है। 
राजीव रंजन मीना, सीईओ, जिला पंचायत, देवास 

विभाग खरीदी के लिए स्वतंत्र हैं
किस रेट से प्रोड्क्ट खरीदा जाए, यह ई-जैम तय नहीं करता। यदि सामान खरीदने वाले विभाग को लगता है कि दरें ज्यादा हैं तो वे एलयूएन या स्वयं बिडिंग करने के लिए स्वतंत्र हैं। 
मारूत सिंह, नोडल ऑफिसर, जेम 

कुर्सी-अलमारी तो आरक्षित आइटम हैं 
कुर्सी और अलमारी आरक्षित आइटम हैं, जिनकी खरीदी सिर्फ एलयूएन से ही की जा सकती है। ई-जैम से क्यों खरीदी की गई। यदि ज्यादा खरीदी में ऑर्डर दिए गए हैं तो विभाग को दोषियों पर कार्रवाई करना चाहिए। 
वीएल कांताराव, पीएस, एमएसएमई 
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