
रिपोर्ट पर इन दिनों AICC में नफा नुक्सान की नापतौल की जा रही है। राहुल गांधी चाहते हैं कि मप्र में इस बार कांग्रेस ना केवल एकजुट दिखाई दे बल्कि उसके दिग्गज नेता एकजुट हो जाएं परंतु मप्र कांग्रेस की अंगीठी पर यह खिचड़ी पक पाएगी, उम्मीद कम ही है। PRO और APRO'S की रिपोर्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम तो है परंतु यह भी बताया गया है कि सिंधिया चुनाव जिताने के लिए अकेले काफी नहीं हैं। बिना दिग्विजय सिंह के मप्र का चुनाव जीता नहीं जा सकता।
रिपोर्ट में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सुझाया गया है परंतु यह भी कहा गया है कि पलड़ा उसी का भारी होगा जिसे दिग्विजय सिंह और अरुण यादव का समर्थन प्राप्त होगा। रिपोर्ट में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की महत्वाकांक्षाओं का जिक्र भी किया गया है। कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट ने राहुल गांधी को मप्र के बारे में नए सिरे से सोचने पर विवश कर दिया है। उन्होंने कुछ दिग्गज नेताओं को आर एंड डी पर लगाया है। उम्मीद की जा रही है कि 15 जनवरी तक नए नाम का ऐलान हो जाएगा।