पूर्व विधायक का बेटा फांसी पर झूला | MP NEWS

ग्वालियर। श्योपुर के विधायक रहे स्व.रामस्वरूप वर्मा के बड़े बेटे ने मां के साथ अलग रह रहे छोटे भाई को कॉल किया और आखिरी बार बात करने के लिए बुलाया। भाई ने इसे सीरियसली नहीं लिया और आधा घंटे बाद पहुंचा। क्वार्टर पर पहुंचा तो दरवाजा खुला देख अंदर चला गया, वहां उसे भाई फांसी के फंदे पर लटकता नजर आया। सूचना मिली तो पुलिस टीम मौके पर पहुंची, प्रारंभिक छानबीन में पुलिस को सुसाइड नोट और उसकी 6 कॉपी मिलीं। नोट में सुसाइड की जिम्मेदारी खुद पर लेने के अलावा नेत्रदान की घोषणा भी शामिल थी। 

श्योपुर के विधायक रहे रामस्वरूप वर्मा के 55 साल के बेटे शैलेन्द्र वर्मा ने गुरुवार शाम सरकारी क्वार्टर में टॉवेल को फांसी का फंदा बना कर खुदकुशी कर ली, शैलेन्द्र PWD में असिस्टेंट ग्रेड-3 थे। शुरू से एकाकी स्वभाव के रहे शैलेन्द्र वर्मा ने शादी नहीं की थी, और PWD कैंपस में सरकारी क्वार्टर में अकेले रहते थे। मां और छोटा भाई मनोज वर्मा पुश्तैनी मकान में रहते हैं।

गुरुवार शाम शैलेंद्र ने छोटे भाई मनोज को कॉल किया और कहा-मिलने आ जाओ, आखिरी बार कुछ बातें करनी हैं। मनोज को लगा कि भाई मजाक कर रहे हैं, और सीरियसली नहीं लिया। वह आधा घंटे बाद भाई के क्वार्टर पर गया, मैन गेट खुला हुआ था इसलिए सीधा भाई के बेड रूम में चला गया। कमरे का नजारा देख मनोज शॉक्ड रह गया, कमरे में शैलेंद्र की बॉडी छत से लटकी हुई थी। मनोज ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी, मौके पर पहुंच कर पुलिस ने बॉडी को फंदे से उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

प्रारंभिक पूछताछ पता चला कि बीते दो दिन से शैलेन्द्र वर्मा किसी बात को लेकर परेशान थे, कुछ दोस्तों से उन्होंने परेशानी और जीवन से मन भर जाने तक की बातें भी की थी, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि धार्मिक स्वभाव का शैलेन्द्र खुदकुशी कर सकता है।

अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट, हिंदी में जताई नेत्रदान की इच्छा
छानबीन में पुलिस ने देखा कि कि शैलेंद्र दो टेबल मिला कर टॉवेल के फंदे पर लटका, और पैर से टेबल सरका दीं। टेबल पर ही एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें शैलेंद्र ने लिखा,
'मैं स्वेच्छा से मर रहा हूं, इसके लिए मेरे परिवार व मित्रों को परेशान न किया जाए, इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है', शैलेंद्र ने सुसाइड नोट अंग्रेजी में लिखा। 

सुसाइड नोट के नीचे शैलेंद्र ने नेत्रदान की इच्छा जताते हुए हिंदी में घोषणा पत्र लिखा। शैलेंद्र ने लिखा, 'अपनी आंखें मैं दान करना चाहता हूं, पोस्टमॉर्टम से पहले मेरी आंखें निकाली जाए और दो अलग-अलग लोगों को दान कर दी जाएं, यही मेरी आखिरी इच्छा है'। पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद कर राजस्थान में कोटा से एक सामाजिक संगठन को सूचना देकर बुलाया। सामाजिक संगठन की टीम ने शैंलेंद्र की आंखें निकाल कर सुरक्षित कीं, इसके बाद शुक्रवार को शैलेंद्र की बॉडी का पोस्टमॉर्टम किया गया।

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