मप्र पुलिस की भू-माफियाओं से मिलीभगत: घोटाले की फाइलें गायब | MP NEWS

इंदौर। करोड़ों के घोटाले से जुड़ी भू-माफियाओं की फाइलें DIG कार्यालय से गायब हो गई। अफसर गोपनीय रूप से फाइलों की छानबीन में जुटे हैं। शक है कि फाइलें गोपनीय शाखाओं में पदस्थ अफसरों द्वारा दबाई गई है। उन पर घोटालेबाज और हेराफेरी के आरोपियों की रिपोर्ट दबाने का भी आरोप है। मामला तक उजागर हुआ जब PINNACLE GROUP के डायरेक्टर आशीष दास, पुष्पेंद्र वडेरा उर्फ पप्पू, दलाल गिरीश वाधवानी व सागर के पीड़ित कुछ लोग डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के पास पहुंचे। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों से मिली हुई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर रही। शिकायत मिलते ही डीआईजी ने उन मामलों की फाइलें मंगवाई, जिन पर केस दर्ज करने की अनुशंसा की जा चुकी थी। घंटों छानबीन के बाद भी उनके ऑफिस में तीन फाइलों का पता नहीं चला।

रीडर व शिकायत शाखा के बाबुओं को तलब किया। डीआईजी ने एसपी(पूर्व) अवधेश गोस्वामी को ऑफिस बुलाया और फाइलों के बारे में बताया। एसपी ने कहा कि उन्होंने खुद फाइलें भेजी है। इसकी उनके ऑफिस के आवक-जावक रजिस्टर में एंट्री भी है। तीनों मामलों में आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल चुके थे। एसपी ने उनके ऑफिस का रिकॉर्ड खंगाला और डीआईजी को ऑफिस कॉपी (ओसी) वॉट्सएप पर भेजी। शक है कि डीआईजी ऑफिस के कुछ अफसर व कर्मचारी भू-माफिया से मिलकर फाइलें दबा रहे हैं। हालांकि अफसर बदनामी के डर से मामले को दबाने में जुटे हैं।

एएसपी की गोपनीय रिपोर्ट लेकर पहुंचे फरियादी
पीड़ित मुकेश वाधवानी के मुताबिक आशीष, पुष्पेंद्र के खिलाफ एक महीने पूर्व ही जांच पूर्ण हो चुकी है। उनके एएसपी संपत उपाध्याय की जांच रिपोर्ट भी है। इस रिपोर्ट में आरोपियों के खिलाफ आरोप सिद्ध पाए गए है, लेकिन फाइलें नहीं मिलने से अफसर मामले को दबा रहे हैं।

भू-माफियाओं को गुप्त सूचना लीक कर रहा था एसआई
गड़बड़ी सिर्फ डीआईजी ऑफिस में नहीं है। क्राइम ब्रांच के एक एसआई पर तो भू-माफियाओं से सांठगांठ का आरोप है। वह एसटीएफ की गोपनीय सूचना लीक कर लाखों रुपए ले रहा था। मामले की शिकायत एडीजी डॉ. एसडब्ल्यू नकवी तक पहुंच गई। उन्होंने अफसरों को जमकर फटकार लगाई और एसआई को हटाने के निर्देश दिए। अफसरों ने एसआई को चुपचाप धार जिले रवाना कर दिया। उससे जुड़े दो सिपाहियों को भी हटा दिया।

अफसरों की लापरवाही, बाबुओं की चांदी
अफसरों की लापरवाही के चलते वसूली हो रही है। डीआईजी ऑफिस का स्टाफ जांच रिपोर्ट दबाने और दोषियों की रिपोर्ट बताकर रुपए मांग रहे हैं। डीआईजी रीडर को सस्पेंड भी कर चुके हैं। एक बाबू को हटा दिया गया है।

एडीजी के आदेश पर एसआई को हटाया
पिनेकल ग्रुप की फाइलें नहीं मिली थी। एसपी ऑफिस से रिपोर्ट मंगवा ली है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाएंगे। एसटीएफ से आए एसआई को एडीजी के आदेश पर हटाया गया है।  हरिनारायणचारी मिश्र, डीआईजी

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