उत्तराखंड में 2 लाख कर्मचारी हड़ताल पर | EMPLOYEE NEWS

देहरादून। राज्य कर्मचारियों ने आगामी विधानसभा सत्र से पहले सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। एसीपी की मांग पूरी न होने से गुस्साए उत्तराखंड के करीब दो लाख राज्य कर्मचारी आज से कार्य बहिष्कार पर चले गए। इसके तहत जिला मुख्यालयों पर कर्मचारियों ने धरना शुरू कर दिया। परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता अरुण पांडे ने बताया कि 27 नवंबर को परिषद के प्रतिनिधिमंडल की मुख्य सचिव से वार्ता हुई। जहां अधिकांश बिंदुओं पर सहमति बनी, लेकिन एसीपी पर उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। बताया कि पूर्व में लंबे समय तक पदोन्नति न मिलने वाले कर्मचारियों को सेवा में क्रमश दस, 16 व 26 साल की सेवा पर पदोन्नति के सापेक्ष वेतनमान दिया जाता था लेकिन, अब इसे बढ़ाकर दस, 20 व 30 वर्ष कर दिया गया है। 

साथ ही पदोन्नति वेतन हटाकर अगले स्तर का वेतन कर दिया गया है, जिससे कर्मचारियों का काफी नुकसान हुआ है। यही वजह है कि परिषद ने आंदोलन का निर्णय लिया है। इस कड़ी में कर्मचारी एक से सात दिसंबर तक हस्ताक्षर कर कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। साथ ही परिषद के अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह, महामंत्री प्रदीप कोहली, जिलाध्यक्ष दून ओमवीर सिंह, जिला मंत्री पीएल बडोनी सचिवालय पर क्रमिक अनशन करेंगे। यदि इसके बाद भी संगठन की मांग पूरी नहीं की जाती है तो परिषद आंदोलन को अनिश्चितकालीन रूप देगी। बताया कि इस आंदोलन में उत्तराखंड के 215 संवर्ग के राज्य कर्मचारी भाग ले रहे हैं। 

उहापोह की स्थिति 
हरिद्वार में कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार को लेकर जिले में उहापोह की स्थिति है। एक तरफ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कुछ कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर रहे हैं तो उत्तरांचल फेडरेशन मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन ने खुद को इससे अलग रखा है। इससे कार्य बहिष्कार का मिला जुला असर है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने बताया सरकार की वादाखिलाफी के चलते प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर कार्य बहिष्कार किया जा रहा है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !