मैं नहीं चाहता लोग मोदी की तरह मुझ पर भी रहम दिखाएं: MANMOHAN SINGH vs NARENDRA MODI

नई दिल्ली। जब एक योग्यता और अनुभवों से भरा व्यक्ति बात करता है तो वो शोर नहीं मचाता लेकिन उसके शब्द गहरे तक असर करते हैं। कुछ ऐसे ही शब्द EX PM MANMOHAN SINGH के ताजा बयान में दिखाई दे रहे हैं। गुजरात चुनाव में गए मनमोहन ने सूरत में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 'मैं नहीं चाहता कि मेरे सादगीभरे बैकग्राउंड के कारण देश में कोई रहम दिखाए। कम से कम इस मामले में मैं नरेंद्र मोदी के साथ कोई कॉम्पीटिशन नहीं चाहता हूं।' बता दें कि PM NARENDRA MODI ने 'चायवाला' का काफी उपयोग किया। दशकों तक गुजरात के सीएम रहने के बाद एक बार फिर चुनावी सभाओं में उन्होंने दोहराया कि 'मैं चाय बेच सकता हूं, देश नहीं।'

दो महान नेताओं के बीच मतभेद दिखाकर मोदी कुछ हासिल नहीं कर सकते
मनमोहन सिंह ने शनिवार को सूरत में कहा कि दो महान नेताओं (पंडित नेहरू और सरदार पटेल) के बीच सत्ता के लिए मतभेद दिखाकर मोदी कुछ हासिल नहीं कर सकते। जब उनसे पूछा गया कि नरेंद्र मोदी की तरह अपना बैकग्राउंड क्यों नहीं बताते? बता दें कि मोदी ने गुजरात चुनाव कैंपेन में कांग्रेस के अंदर सरदार पटेल की उपेक्षा और सोमनाथ मंदिर को लेकर पंडित नेहरू पर सवाल उठाए थे। गुजरात में असेंबली इलेक्शन के लिए 9 और 14 दिसंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 18 तारीख को आएंगे।

8 नवंबर का दिन इकोनॉमी और डेमोक्रेसी के लिए काला दिन है
मनमोहन ने नोटबंदी और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले के बाद बैंकों की लाइन में जान गंवाने वाले 100 से ज्यादा लोगों को याद करता हूं। बड़े दुख के साथ कहता हूं कि 8 नवंबर का दिन देश की इकोनॉमी और डेमोक्रेसी के लिए काला दिन है।

GST लागू नहीं कर पाए इसलिए परेशान हैं: भाजपा 
इस पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, यह पूर्व प्रधानमंत्री की मजबूरी है। परिवार को खुश करने के लिए वह गलत बातें बोल रहे हैं। हाल में सामने आए जीडीपी के आंकड़ों से उनके सारे सवालों का जवाब मिल चुका है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मनमोहन जी कोशिश करते रहे कि जीएसटी लागू हो। उनकी सरकार सभी राज्यों के साथ सहमति नहीं बना पाई, हमने ये कर दिखाया। इसीलिए वो विरोध कर रहे हैं।

मोदी ने नेहरू-पटेल के लिए क्या कहा था?
30 नवंबर को नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर जाने को लेकर भी तंज कसा था। प्रधानमंत्री ने गुजरात के प्राची में अपनी रैली के दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम लिए बिना उन्हें सोमनाथ मंदिर का विरोधी बताया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक मोदी ने कहा था कि अगर सरदार पटेल नहीं होते तो सोमनाथ मंदिर कभी नहीं बन पाता। आज कुछ लोगों को सोमनाथ दादा (भगवान सोमनाथ) याद आ रहे हैं। मैं उनसे एक सवाल पूछना चाहता हूं। क्या आप इतिहास भूल गए हैं? आपके परिवार वाले, हमारे पहले प्रधानमंत्री सोमनाथ मंदिर बनाए जाने के विचार से खुश नहीं थे। जब डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर का इनॉगरेशन करने यहां आए तो पंडित नेहरू ने इस पर नाखुशी जाहिर की थी। सरदार पटेल ने नर्मदा नदी का पानी यहां लाने का सपना देखा लेकिन आपकी (राहुल गांधी की) फैमिली ने उन्हें यह सपना साकार नहीं करने दिया था।

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