राहुल सिर्फ एक हिंदू ही नहीं, जनेऊधारी भी हैं: कांग्रेस | rahul gandhi religion

नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वो केवल हिंदू ही नहीं जनेऊधारी भी हैं। यह स्पष्टीकरण इसलिए दिया गया क्योंकि राहुल गांधी के सोमनाथ मंदिर दर्शन के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें उड़ रहीं थीं। कहा गया कि राहुल गांधी का नाम मंदिर के रजिस्टर में बतौर गैर-हिंदू दर्ज किया गया। बताया गया कि राहुल गांधी और अहमद पटेल ने रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं किए। मामला बढ़ा तो कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा- राहुल जी ने विजिटर्स बुक में एंट्री की थी। राहुल जी सिर्फ एक हिंदू ही नहीं हैं, वो जनेऊधारी भी हैं। 

डेढ़ माह में 21 मंदिरों के दर्शन
वहीं बीजेपी के नेशनल स्पोक्सपर्सन संबित पात्रा ने कहा- कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए धर्म सुविधा का विषय है, आस्था का नहीं। राहुल गांधी को बताना चाहिए कि वो आखिर हैं कौन? बता दें कि डेढ़ महीने में राहुल 21वीं बार मंदिर में दर्शन के लिए गए। बता दें कि गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को वोटिंग है। 18 दिसंबर को नतीजे आएंगे।

सोमनाथ मंदिर में राहुल गांधी का गैर-हिंदू के तौर पर नाम किसने दर्ज कराया ?
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि मनोज त्यागी नाम के शख्स ने सोमनाथ मंदिर में अहमद पटेल के साथ राहुल का नाम उस रजिस्टर में लिख दिया जो गैर-हिंदुओं की मंदिर में एंट्री के लिए होता है। त्यागी कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर हैं। मंदिर के रजिस्टर की एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई है।

मंदिर ट्रस्ट ने क्या कहा?
सोमनाथ ट्रस्ट के जनरल मैनेजर विजय सिंह चावड़ा ने कहा, “बुधवार को राहुल गांधी ने गैर-हिंदू के तौर पर दर्शन किए थे। सोमनाथ ट्रस्ट ने मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश के लिए पिछले साल एक नियम बनाया था। राहुल गांधी ने अपने पारसी धर्म का उल्लेख करते हुए अपना नाम दर्ज कराया था। उनके साथ अहमद पटेल भी थे।

राहुल गांधी को रजिस्टर दिया ही नहीं गया
पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ''राहुल जी ने विजिटर्स बुक में एंट्री की थी। जिस सिग्नेचर की बात की जा रही है वो अलग है। ना तो वो सिग्नेचर राहुल गांधी के हैं, ना ही उन्हें वह रजिस्टर दिया गया था। राहुल जी सिर्फ एक हिंदू ही नहीं हैं, वो जनेऊधारी भी हैं। इसलिए बीजेपी को राजनीति के इतने निचले लेवल तक नहीं गिरना चाहिए।

गैर हिंदुओं के लिए क्या हैं नियम
गैर-हिंदुओं के मंदिर में प्रवेश के लिए एक अलग दरवाजा है। इसे दिग्विजय द्वार कहा जाता है। यहां रखे रजिस्टर में गैर-हिंदुओं को दर्शन से पहले एंट्री करनी होती है। मजहब भी बताना होता है। इसके बाद चैकिंग होती है। तब मंदिर में एंट्री में मिलती है।

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