मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया हूं और मुझे अपने अतीत पर गर्व है | NATIONAL POLITICAL NEWS

फिल्म 'पद्मावती' को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की टिप्पणी से मचे हंगामे के बीच कांग्रेस सांसद और ग्वालियर राजघराने के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान सामने आया है। गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का प्रचार कर रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ौदा में संवाददाताओं से बातचीत में शशि थरूर से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, 'मुझे लगता है कि उन्हें इतिहास का अध्ययन करना चाहिए। 

मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया हूं और मुझे अपने अतीत पर गर्व है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने दावा किया है कि आज जो ये तथाकथित जांबाज महाराजा एक फिल्मकार के पीछे पड़े हैं और दावा कर रहे हैं कि उनका सम्मान दांव पर लग गया है, यही महाराजा उस समय भाग खड़े हुए थे जब ब्रिटिश शासकों ने उनके मान सम्मान को रौंद दिया था।

एक समारोह में शशि थरूर से सवाल किया गया था कि उनकी किताब 'एन एरा ऑफ डार्कनेस: द ब्रिटिश एम्पायर इन इंडिया' में पीड़ा का भाव क्यों है जबकि उनकी राय यह है कि भारतीयों ने अंग्रेजों का साथ दिया था। इस पर थरूर ने कहा, 'यह हमारी गलती है और मैं यह स्वीकार करता हूं। सही मायने में तो मैं पीड़ा को सही नहीं ठहराता हूं। किताब में दर्जनों जगहों पर मैं खुद पर बहुत सख्त रहा हूं। कुछ ब्रिटिश समीक्षकों ने कहा है कि मैं इस बात की व्याख्या क्यों नहीं करता कि ब्रिटिश कैसे जीत गए? और यह बेहद उचित सवाल है।

उन्होंने कहा, 'असलियत तो यह है कि इन तथाकथित महाराजाओं में हर एक जो आज मुंबई के एक फिल्मकार के पीछे हाथ धोकर पडे हैं, उन्हें उस समय अपने मान सम्मान की कोई चिंता नहीं थी जब ब्रिटिश इनके मान-सम्मान को पैरों तले रौंद रहे थे। वे खुद को बचाने के लिए भाग खड़े हुए थे। तो इस सच्चाई का सामना करो, इसलिए ये सवाल ही नहीं है कि हमारी मिलीभगत थी।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !