एमवाय अस्पताल हादसा: किसी और की बेटी का शव पकड़ा दिया | MP NEWS

इंदौर। एमवाय अस्पताल में हुए हादसे के बाद अब शवों की अदला बदली का मामला सामने आया है। एक दंपत्ति ने आरोप लगाया है कि उनकी 4 दिन की बच्ची की मौत हो जाने की खबर दी गई थी परंतु उन्हे 20 दिन की बच्ची का शव थमा दिया गया। दंपत्ति का कहना है कि हम किसी पर कोई आरोप नहीं लगाना चाहते परंतु हमें हमारी बेटी का शव दे दिया जाए ताकि हम उसका अंतिम संस्कार कर सकें। इधर मां सविता का दावा है कि उनकी बेटी जिंदा है। जो शव मिला है वो उनकी बेटी का नहीं है। कहीं कोई गड़बड़ी हुई है। डॉक्टर छुपा रहे हैं। 

एमवाय अस्पताल के एनआईसीयू में हुए हादसे में अपनी चार दिन की बच्ची को खोने वाली मां सविता पति मुलायम अस्पताल प्रबंधन के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं। उनकी बच्ची को सांस लेने में तकलीफ के चलते अरबिंदो अस्पताल से रैफर किया गया था। हादसे के बाद शाम को परिजन को मृत बच्ची का शव सौंपा गया। परिजन मानने को तैयार नहीं कि वह बच्ची उनकी है। सविता की आंखें बच्ची के इंतजार में पथरा रही हैं। वहीं पिता मुलायम और नाना गणेश अस्पताल के चक्कर काटते-काटते परेशान हो रहे हैं। सविता के मुताबिक उसे यकीन है कि उसकी बच्ची जिंदा है। चौथे दिन उसकी तबीयत अच्छी हो गई थी। डॉक्टर अपनी गलती छिपाने के लिए उसकी बच्ची को मरा हुआ बता रहे हैं।

नहीं होगा 15 दिन इंतजार
परिजन की शिकायत के बाद सोमवार को अस्पताल प्रबंधन ने माता-पिता का डीएनए टेस्ट कराया है। यह डीएनए मृत बच्ची के खून से मिलाया जाएगा। अस्पताल ने 15 दिन में रिपोर्ट आने की बात कही है। सविता का कहना है उसे एक मिनट निकालना मुश्किल हो रहा है, इतना लंबा इंतजार नहीं होगा। मुलायम के मुताबिक अस्पताल ने हमें 20 दिन की मृत बच्ची पक़डा दी थी, जबकि उसकी बच्ची चार दिन की थी। कैसे मान लें कि हमारी बच्ची मर गई। डॉक्टर हमें मृत बच्ची का अंतिम संस्कार करने के लिए कह रहे हैं। वे हमारी बच्ची दे देंगे तो पुण्य की खातिर मृत बच्ची का अंतिम संस्कार भी कर देंगे? बस अस्पताल हमारे साथ धोखा न करे।

...तो कोर्ट की शरण लेंगे
गणेश का कहना है उन्होंने अपनी बच्ची को बहुत अच्छे से देखा था, उसके शरीर पर कोई निशान नहीं थे, जबकि अस्पताल से मिली मृत बच्ची के शरीर पर बहुत निशान थे। अभी डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन ने गड़बड़ी की तो कोर्ट जाएंगे। अपनी बच्ची के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
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