भोपाल समाचार डेस्क। फिल्म पद्मावती विवाद धमकियों के बाद अब घटिया दर्जे तक पहुंच चुका है। श्री राजपूत करणी सेना का नेता बताने वाले अभिषेक सोम ने ऐलान किया है कि वो लीला भंसाली पर आधारित एक फिल्म बनाएंगे जिसका नाम होगा 'लीला द लैला'। अभिषेक का दावा है कि राजपूत समाज उसे इसके लिए 50 करोड़ रुपए का सहयोग कर रहा है। फिल्म बनेगी या नहीं बनेगी यह तो भविष्य ही बता पाएगा परंतु फिलहाल यह जानते हैं कि कौन हैं, संजय भंसाली की मां और क्या है उनकी जिंदगी की कहानी।
28 नवम्बर को लीला द लैला फिल्म के ऐलान से पहले 24 नवम्बर 2017 को विकीपीडिया पर संजय लीला भंसाली के पेज में परिवर्तन किया गया और एक कहानी जोड़ी गई। वो शातिर शरारती जानता था कि लोग फिल्म का ऐलान होते ही संजय भंसाली की मां के बारे में जानना चाहेंगे और विकीपीडिया पर तो सभी भरोसा करते हैं। तो विकीपीडिया पर जोड़ी गई कहानी के अनुसार:
गुजरात के भुज महाराजा की दूसरी पत्नी लीला थी, जो मुम्बई फ़िल्म इंडस्ट्री में नृत्यांगना थी जो अभिनेत्रियों को डांस स्टेप सिखाती थी। भुज महाराजा को उससे इश्क हो गया था महाराजा उसे अपने साथ भुज ले गया और एक अलग महल में रहने की व्यवस्था की जब तक जवानी थी, लीला की जिंदगी में चार चांद लगे हुए थे। उसका भुज महाराजा से एक पुत्र भी हुआ, जिसका नाम संजय रखा गया। महाराजा संजय गुजरात भुज का उतराधिकारी था। जवानी ढलते ही भुज महाराजा ने लीला को नकार दिया और तीसरी अपना लिया लेकिन लीला ने अपना प्रोफेशन नही छोड़ा।
जब संजय दस वर्ष के थे, लीला की मुलाकात नवीन भंसाली को-ऑर्डिनेटर से हुई। कुछ समय बाद लीला ने नवीन भंसाली से शादी कर ली। नवीन भंसाली के अच्छे व्यक्तित्व के कारण संजय ने अपने नाम मे भंसाली टाईटल जोड़ लिया। उस समय नवीन भंसाली की प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर शुभाष घई से अच्छी जान-पहचान थी। सुभाष घई ने संजय को अपने साथ बतौर असिस्टेंस के रूप मे रखा। अपने और अपनी माँ के कठिन संघर्षों से भरे जीवन मे उन्होने काफी ऊँच-नीच भावनाओ का सामना किया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लायी और आज वे भारत के सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के नाम से जाने जाते है। आज भी उनकी फिल्मो मे पुराने राजे रजवाड़ो की छवि दिखती है। जो की उन्होने असल जिंदगी मे बेहद करीब से देखा था।
तो असली कहानी क्या है
असली कहानी यह है कि संजय की मां लीला एक हाउस वाइफ थीं। संजय के पिता का नाम नवीन भंसाली है जो खुद एक प्रोड्यूसर थे। संजय ने अपने पिता के प्रोफेशन को आगे बढ़ाया है। संजय के पिता नवीन बॉलीवुड की परंपराओं के अनुसार शराब की लत के शिकार थे। इसी के चलते उनका निधन भी हुआ। संजय भंसाली के सोचने का तरीका दूसरे लोगों से काफी अलग है और इसीलिए उनकी फिल्में भी हमेशा ट्रेक से हटकर होती हैं। संजय ने अपनी मां को सम्मान देने के लिए अपने नाम में अपनी मां का नाम लीला शामिल किया है। पिछले दिनों आई फिल्म 'रामलीला' संजय ने अपनी मां को समर्पित की थी।
विकीपीडिया पर गलत जानकारी कैसे आ गई
दरअसल, विकीपीडिया पर कई स्वत्रंत लेखक पेज बनाते हैं। विकीपीडिया किसी को भी ऐसा करने से नहीं रोकता। पेज बनने के बाद उसकी जांच की जाती है, इस प्रक्रिया में कई बार हफ्तों लग जाते हैं। यदि उसमें दर्ज जानकारी गलत होती है तो पेज से हटा दी जाती है या फिर पूरा पेज ही हटा दिया जाता है। शातिर बदमाश यह सबकुछ जानता था, इसलिए उसने 24 नवम्बर की रात 10 बजे पेज में परिवर्तन किया और 28 को फिल्म का ऐलान हो गया।