FORTIS HOSPITAL: मनमानी बिलिंग के खिलाफ जांच के आदेश

नई दिल्ली। गुड़गांव के एक प्राइवेट हॉस्पिटल डेंगू पीड़ित बच्ची की मौत के बाद फैमिली से बेहिसाब चार्ज वसूली के मामले में हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा ने जांच के ऑर्डर दिए हैं। एक ट्विटर यूजर ने इसकी शिकायत हेल्थ मिनिस्टर से की। आरोप है कि 15 दिन तक हॉस्पिटल में भर्ती रही बच्ची के इलाज के बदले उन्हें 18 लाख का बिल थमाया गया। इलाज में भी लापरवाही बरती गई। आखिर में बच्ची की मौत हो गई। ये ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

नड्डा ने दिया कार्रवाई का भरोसा
दरअसल, @DopeFloat नाम के ट्विटर हैंडल से 16 नवंबर को ट्वीट किया गया था। इसमें लिखा, ''मेरे साथी की 7 साल की बेटी डेंगू के इलाज के लिए 15 दिन तक फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती रही। हॉस्पिटल ने इसके लिए उन्हें 18 लाख का बिल दिया। इसमें 2700 दस्ताने और 660 सिरिंज भी शामिल थीं। आखिर में बच्ची की मौत हो गई।
यूजर की शिकायत पर नड्डा ने रविवार को ट्वीट किया, ''कृपया अपनी सभी जानकारियां hfwminister@gov.in पर मुझे भेजें। हम सभी जरूरी कार्रवाई करेंगे।

हॉस्पिटल ने क्या सफाई दी?
फोर्टिस हॉस्पिटल ने मामले पर सफाई देते हुए कहा, ''बच्ची के इलाज में सभी स्टैंटर्ड मेडिकल प्रोटोकॉल और क्लीनिकल गाइडलाइंस का ध्यान रखा गया है। डेंगू से पीड़ित बच्ची को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया। बाद में उसे डेंगू शॉक सिंड्रोम हो गया और प्लेटलेट्स गिरते चले गए। इसके बाद बच्ची को 48 घंटे तक वेंटिलेटर सपोर्टर पर रखना पड़ा था।

सरकार जांच करे ताकि किसी के साथ ऐसा ना हो: पिता
बच्ची के पिता जयंत सिंह दिल्ली में रहते हैं। उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा, ''गुड़गांव के फोर्टिस हॉस्पिटल ने 15 दिन इलाज के बदले हमें 18 लाख का बिल चुकाने को कहा। इसके बाद भी बेटी को बचाया नहीं जा सका। जो चार्ज नियमों के हिसाब से सही हैं, वही लिए जाएं। मैं इस मामले में जांच की अपील करता हूं, ताकि कोई और मेरी तरह परेशान ना हो। डॉक्टरी सलाह पर हम 14 सितंबर को बेटी को हॉस्पिटल से घर लेकर जाने वाले थे, लेकिन उसी दिन बच्ची की मौत हो गई।

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