फिल्म रिलीज हुई तो दीपिका पादुकोण की नाक काट देंगे: करणी सेना | FILM PADMAVATI DISPUTE

नई दिल्ली। करणी सेना ने धमकी दी है कि अगर पद्मावती फिल्म रिलीज की गई तो इसकी एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की नाक काट ली जाएगी। बता दें कि दीपिका पादुकोण ने हाल ही में बयान दिया था कि फिल्म को रिलीज होने से कोई नहीं रोक सकता। बॉलीवुड के कई दिग्गज इस मामले में फिल्म के समर्थन में हैं लेकिन भाजपा और करणी सेना इसका विरोध कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि गुजरात चुनाव में राजपूतों को वोट प्रभावित ना हों, इसलिए भाजपा चाहती है कि इसका रिलीज गुजरात में वोटिंग के बाद किया जाए। इतिहासकारों का कहना है कि पद्मावती का इतिहास में कहीं कोई जिक्र ही नहीं है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करणी सेना के महिपाल मकराना ने कहा है कि अगर पद्मावती फिल्म को रिलीज किया जाता है कि तो इसकी एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की नाक काट ली जाएगी। बाद में इस बयान पर करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी से सवाल किया गया तो उन्होंने भी इसका सपोर्ट किया। उन्होंने कहा, "अगर बच्चे ऐसा कहने पर मजबूर हुए हैं तो इसकी कोई वजह होगी।

1 दिसंबर को भारत बंद का एलान
इस बीच करणी सेना ने फिल्म के विरोध में 1 दिसंबर को भारत बंद का एलान किया है। कालवी ने कहा, "हम लाखों की तादाद में जुटेंगे। हमारे पूर्वजों ने खून से इतिहास लिखा, हम किसी को इस पर कालिख पोतने की इजाजत नहीं देंगे। हम 1 दिसंबर को भारत बंद रखेंगे।

यूपी सरकार ने कहा रिलीज को रोक दिया जाए 
उत्तर प्रदेश के होम डिपार्टमेंट ने आईबी मिनिस्ट्री को लेटर लिखा है। इसमें बताया गया है कि पद्मावती फिल्म की स्क्रिप्ट और इसमें ऐतिहासिक सबूतों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने को लेकर लोगों में गुस्सा है। इसकी रिलीज से शांति-व्यवस्था पर गलत असर पड़ सकता है।

योगी ने कहा- अपने फायदे के लिए तथ्यों से छेड़छाड़ ठीक नहीं
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आईबी मिनिस्ट्री को लिखे गए लेटर के सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, "हमारे यहां नगरीय निकाय के चुनाव चल रहे हैं। फोर्स उसकी सुरक्षा में होगी। चुनाव पर इसका कोई असर न हो ऐसे में जरूरी है कि फोर्स उस पर ध्यान दे। कोई भी ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर अपना हित साधे यह नहीं होना चाहिए। हम फिल्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन राज्य की कानून-व्यवस्था पर असर डालने वाले काम को हमारी सरकार रोकने का काम करेगी।

कालवी ने UP सरकार के लेटर पर उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आईबी मिनिस्ट्री को लिखे लेटर पर लोकेंद्र सिंह कालवी ने सवाल उठाया है। उनका कहना है कि यूपी सरकार कह रही है कि राज्य में चुनाव हैं और 1 दिसंबर को पद्मावती रिलीज की गई तो कानून-व्यवथा बिगड़ जाएगी। हमारा कहना है कि क्या इसे छह महीने बाद रिलीज किया गया तो फिल्म में की गई गलतियों सुधर जाएंगी? विरोध तो तब भी होगा।

सेंसर बोर्ड के ऑफिस पर पुलिस तैनात
इस फिल्म के जोरदार विरोध की वजह से सेंसर बोर्ड भी काफी दबाव में है। इस बीच मुंबई के पेडर रोड स्थित सेंसर बोर्ड के ऑफिस पर पुलिस तैनात कर दी गई है। फिल्म से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस फिल्म के सर्टिफिकेट के लिए एप्लाई कर दिया गया है। हलांकि, बोर्ड ऑफिशियल्स अभी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

प्रोडक्शन हाउस बरत रहा एहतियात
इस फिल्म के लिए सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट लेने के लिए किसी एजेंट की बजाय खुद प्रोडक्शन बोर्ड ने एप्लाई किया है। एप्लीकेशन के साथ बोर्ड को स्क्रिप्ट और डायलॉग की कॉपी भी देनी होती है। ऐसे में बताया जा रहा है कि प्रोडक्शन हाउस ने स्क्रिप्ट और डायलॉग की टायपिंग में बहुत एहतियात बरती है। उसे बाहर की बजाय प्रोडक्शन हाउस में ही टाइप किया गया है।

फिल्म पद्मावती को लेकर क्या आपत्ति है?
राजस्थान में करणी सेना, बीजेपी लीडर्स और हिंदूवादी संगठनों ने इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। राजपूत करणी सेना का मानना है कि ​इस फिल्म में पद्मिनी और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। लिहाजा, फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए। ऐसा करने से रिलीज के वक्त फिल्म के लिए सहूलियत रहेगी और तनाव के हालात से बचा जा सकेगा।

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