कर्मचारी का इस तरह का स्थानांतरण हमेशा अवैध होता है: हाईकोर्ट

बिलासपुुर। हाईकोर्ट कई बार ऐसे आदेश जारी कर चुका है बावजूद इसके प्रशासनिक दादागिरी जारी है। अधिकारी-कर्मचारी को निलंबन से बहाल किया जाता है तो उसका स्थानांतरण भी साथ में कर दिया जाता है। वो जिस पद से निलंबित होता है, उसे वहीं पर बहाली नहीं मिलती। हाईकोर्ट ने ऐसे ही मामले में एक बार फिर फैसला सुनाया है कि निलंबित कर्मचारी का बहाली के वक्त स्थानांतरण अवैध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई हो सकती है। 

जानकारी के अनुसार कृष्ण दास वैष्णव शासकीय मीडिल स्कूल निगारबंद, विकासखण्ड तखतपुर जिला बिलासपुर में उच्च वर्ग शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। 26 मई 2016 को उन्हें निलंबित कर दिया गया और उसका 13 सितम्बर 2017 को निलंबन समाप्त कर बहाल कर दिया गया, किंतु बहाल करते समय उनका माध्यमिक शाला ढनढन में स्थानांतरित कर दिया गया।

उसने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर बताया कि सेवा में बहाल करते समय स्थानांतरण नहीं किया जा सकता एवं कर्मचारी को उसी स्थान में बहाल किया जाना चाहिए जहां से वह निलंबति हुआ है।

इस संबंध में हाईकोर्ट ने पूर्व में अन्य कई प्रकरणों में भी निर्देश दिए है किंतु उसके बाद भी याचिकाकर्ता को निलंबन से बहाल करते समय स्थानांतरित कर दिया गया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को उसी स्थान पर बहाल किया जाए जहां से वह निलंबित हुआ हैै।

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