
निलंबित हबीबगंज टीआई रविंद्र यादव के समर्थन में पुलिस अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर लामबंदी शुरू की है। पुलिस अधिकारियों पर बड़ी घटनाओं के समय भी फोन रिसीव ना करने का आरोप लगता रहता है परंतु सोशल मीडिया पर वो पर्याप्त समय दे रहे हैं। यादव के समर्थन में वॉट्सएप पर बने एक ग्रुप में एक पोस्ट अपलोड हुई तो टीआई तलैया मनीष राज सिंह भदौरिया ने भी इस कार्रवाई का विरोध किया। कोहेफिजा टीआई अनिल वाजपेयी भी मैदान में कूद गए। पुलिस विभाग ने इस तरह की गतिविधियों को अनुशासनहीनता माना जाता है परंतु इन दिनों मप्र पुलिस कितनी अनुशासनहीन है इसके कई उदाहरण सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहे हैं।
भोपाल गैंगरेप कांड और पुलिस अफसरों पर हुई कार्रवाई के बाद कुछ मीडियाकर्मी थानों के हालात जांचने पंहुचे तो पता चला कि स्थिति अब भी वही है। महिला थाने में 2 दिन से टीआई नहीं आईं थीं। फरियादी उनका इंतजार कर रहीं थीं। वहां मौजूद अन्य पुलिस कर्मचारियों का कहना था कि जब तक टीआई नहीं आतीं, एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती।
टीटी नगर थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने आए एक फरियादी को हवलदार द्विवेदी ने अचानक चिल्लाते हुए कहा कि रात को तू दारु पीया था क्या, जो चोर घुसा और ले गया और तुझे पता भी नहीं चला। ताला लगाकर रखता नहीं है पुलिस स्टेशन पर आकर कहता है चोरी हो गई। इतने में फरीयादी के साथ आए तीन लोग रिपोर्टिंग कक्ष में आ जाते है। हवलादार सूर्यमणि ने फिर कहा कि तीन-तीन चार-चार को लेकर क्यों आया है यहां। तमाशा हो रहा है क्या। अब इनकी गाड़ी की खोज में लगें बस यही काम तो बचा है हमारे पास। सम्हाल नहीं सकता तो तूने खरीदी क्यों।
हबीबगंज थाने में एसआई एपी यादव के सामने एक महिला गिड़गिड़ा रही थी। महिला ने बताया कि उसका बड़ा बेटा धर्मेंद्र ही अकसर अपने ही मेरे और अपने पिता के साथ मारपीट करता है। साब आप कुछ करिए, वो जो ही शराब पीकर हंगामा करता है। उसे रोको तो अपना ही हाथ काटता तो कभी सिर फोड़ लेता है। इतना सुनते ही एसआई यादव ने कहा कि तुम मेरे पास क्यों आई? हम उसे उठा के ले आए और वो थाने में ही अपना सिर फोड़ ले..हाथ काट ले...चाकू मार ले तो हम क्या करेंगे। तुम लोगों को अपना-अपना दिखता है। जाओ डायल 100 पर कॉल करो। कैसे पाला है तुमने अपने लड़के को?