मोदी से नाराज वरुण गांधी कांग्रेस ज्वाइन करेंगे!

लखनऊ। मोदी सरकार बनने के बाद से लगातार नजरअंदाज किये जा रहे अडवाणी कैम्प के भाजपा सांसद वरुण गांधी 2018 में बड़ा कदम उठा सकते हैं। सूत्र के मुताबिक वरुण लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वरुण अपनी बहन प्रियंका के बुलावे और वक्त की नजाकत को देखते हुए कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पार्टी की कमान मिलते ही वरुण को कांग्रेस में सम्मानजनक पद देकर महत्व दिया जा सकता है।

प्रियंका ने वरुण को कांग्रेस में बुलाया !
काग्रेस सूत्रों की माने तो प्रियंका ने वरुण से घर वापसी के बाबत बात की है। वरुण के प्रियांका के साथ मधुर रिश्ते की बात जगजाहिर है। ऐसे में संभव है कि भाजपा में अपनी उपेक्षा से नाराज वरुण घर वापसी कर लें। वहीं, वरुण ने राहुल गांधी के खिलाफ कभी भी किसी रैली या सभा में सीधा हमला नहीं बोला है। राहुल ने भी विपक्षी दल में रहने के बावजूद भाई वरुण या चाची मेनका के खिलाफ कभी सीधा मोर्चा नहीं खोला।

वरुण के सोनियां से भी रिश्ते मधुर
वरुण के रिश्ते सोनिया गांधी से भी अच्छे हैं। इसलिए इस चर्चा को और दम मिल रहा है कि जल्द ही वरुण कांग्रेस को देश व यूपी में मजबूती देने के लिए राहुल गांधी के साथ आएंगे। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही वरुण गांधी की कांग्रेस में एंट्री हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो लगभग साढ़े तीन दशक बाद नेहरू-गांधी परिवार में एकता आ सकती है। 

भाजपा में साइड हैं वरुण गांधी
मालूम हो कि भाजपा में वरुण गांधी साइड लाइन चल रहे हैं। वह ने तो पार्टी की किसी सभा में शामिल हो रहे हैं और न ही किसी अन्य कार्यक्रम में। सुल्तानपुर के सांसद वरुण गांधी ये समझ आ गया है कि उनके परिवार का विरोध करने तथा कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखने वाली भाजपा में उनका राजनीतिक भविष्य उज्जवल नहीं है। ऐसे में वे परोक्ष-अपरोक्ष रूप से अपनी ही सरकार को समय-समय पर किसी न किसी मुद्दे पर घेरते नजर आते हैं।

मोदी-शाह के रहते भाजपा में भविष्य नहीं
वरुण को पता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रहते उन्हें भाजपा में अहम ओहदा नहीं मिल सकता। ऐसे में वरुण अब नए नाव की सवारी कर सकते हैं और यह नाव कांग्रेस से अच्छी कोई और नहीं हो सकती। 

राजनाथ के समय में भाजपा में थे पदाधिकारी
मालूम हो कि जब तक राजनाथ सिंह पार्टी अध्यक्ष थे, तब तक वरुण गांधी की पार्टी में सम्मानजनक स्थिति थी। वह पार्टी के महासचिव रहने के साथ ही पश्चिम बंगाल और असम के प्रभारी भी थे। अब स्थितियां बदली हैं। अमित शाह के हाथ में पार्टी की कमान आते ही वह साइड कर दिए गए। उनसे राज्यों का प्रभार वापस ले लिया गया। राष्ट्रीय महासचिव के पद से भी हटा दिया गया।

यूपी के कुछ जिलों में वरुण की पकड़ मजबूत
मसलन, उन्हें पूरी तरह से हाशिए पर ढकेल दिया गया, उत्तर प्रदेश में वरुण गांधी तराई के पीलीभीत, सुलतानपुर, लखीमपुर खीरी के साथ ही इससे सटे इलाकों में अच्छी पकड़ है। यदि वरुण कांग्रेस में शामिल होते हैं तो यूपी में कांग्रेस को संजीवनी मिल सकती है। राहुल गांधी वरुण के भरोसे भाजपा को यूपी में पटखनी दे सकते हैं।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!