कल कहोगे शर्ट्स और शार्ट्स से राष्ट्रगान का अपमान होता है: सुप्रीम कोर्ट

सिनेमाघर में फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजने से पहले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के समय खड़ा होना जरूरी नहीं हैं। इसके साथ ही न्यायालय ने केन्द्र सरकार से कहा कि देश भर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज संहिता में संशोधन करने पर विचार करे। शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रगान के लिए खड़ा नहीं होता है तो ऐसा नहीं माना जा सकता कि वह कम देशभक्त है।

सिनेमाघरों में टी शर्ट्स और शार्ट्स में ना जाएं
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने समाज को नैतिक पहरेदारी की आवश्यकता नहीं है जैसी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगली बार सरकार चाहेगी कि लोग सिनेमाघरों में टी शर्ट्स और शार्ट्स में नहीं जाएं क्योंकि इससे राष्ट्रगान का अपमान होगा।

सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने पर हो नियंत्रण
खंडपीठ ने कहा कि केन्द्र सरकार को सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने के बारे में उसके पहले के आदेश से प्रभावित हुए बगैर ही इस पर विचार करना होगा. इस मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि भारत एक विविधता वाला देश है. साथ ही एकरूपता लाने के लिए सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाना आवश्यक है.

पीठ अपने आदेश में कर सकती है सुधार
पीठ ने संकेत दिया कि वह एक दिसंबर, 2016 के अपने आदेश में सुधार कर सकती है. इसी आदेश के तहत देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने के मकसद से सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन से पहले राष्ट्रगान बजाना और दर्शकों के लिये इसके सम्मान में खडा होना अनिवार्य किया गया था.

राष्ट्रगान का सम्मान मातृभूमि के प्रति प्रेम को दर्शाता
न्यायालय ने कहा था कि जब राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान दर्शाया जाता है, तो यह मातृभूमि के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाता है। न्यायालय ने सभी सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन शुरू होने से पहले अनिवार्य रूप से राष्ट्रगान बजाने के निर्देश के लिए श्याम नारायण चोकसी की जनहित याचिका पर यह निर्देश दिए थे।

सिनेमाघरों में राष्ट्र गान बजाने के दिए आदेश
वहीं शीर्ष अदालत ने सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्र गान बजाने के लिये पिछले साल श्याम नारायण चोकसी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये सख्त टिप्पणियां की। इन टिप्पणियों के विपरीत, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने ही पिछले साल एक दिसंबर को सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले अनिवार्य रूप से राष्ट्रगान बजाने ओैर दर्शकों को सम्मान में खड़े होने का आदेश दिया था।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!