
इससे पहले व्यापारियों ने कहा कि त्योहारों के वक्त राजस्व वसूली का अभियान रोका जाए। इससे व्यापारी परेशान हैं। कलेक्टर ने कहा कि नियमों के खिलाफ कोई वसूली नहीं होगी। यदि शुल्क को लेकर कोई संशय है तो अफसर समझाएंगे। इसके बाद ही वसूली होगी, लेकिन डायवर्सन की तय रकम और जुर्माना तो देना ही होगा। फिलहाल जिनको नोटिस जारी हुए हैं, वो अपना जवाब लिखित में देकर वक्त मांग सकते हैं। चेंबर के प्रतिनिधिमंडल में राजेश चंडोक, शांतिलाल पटेल, हेमराज अग्रवाल, युवराज जैन गढ़वाल, अनूप अग्रवाल, अखिल मिश्र, महेश बजाज, संतोष केशरवानी मौजूद रहे।
..तो आंदोलन करेंगे
महाकोशल चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रवि गुप्ता ने कहा कि व्यापारी टैक्स देना चाहता है, लेकिन जिस तरह से लाखों रुपए का राजस्व थोपा जा रहा है, ये गलत है। पहले जनप्रतिनिधियों को बताएंगे, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो बाजार बंद करने के अलावा आंदोलन भी करेंगे।
हिसाब-किताब के बगैर थमाया नोटिस
चेम्बर के अध्यक्ष रवि गुप्ता ने बताया कि कलेक्टर को बताया कि तहसीलदार जो नोटिस भेज रहे हैं, उसमें संपत्ति में किस आधार पर राजस्व की गणना हो रही है, इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। सिर्फ व्यापारी का नाम और संपत्ति पर लगे राजस्व की राशि दर्ज कर भेजी जा रही है। कलेक्टर ने व्यापारियों की संतुष्टि के लिए लिखित में आवेदन देकर ब्योरा लेने को कहा।
रहवासी से करना चाहते हैं कमर्शियल
पदाधिकारियों ने कलेक्टर को बताया कि प्रापर्टी पर टैक्स की गणना रहवासी जमीन के आधार पर हो रही है। जबकि खेती की जमीन का डायर्वसन हुआ है। ऐसे में आज की तारीख में कलेक्टर गाइडलाइन से राजस्व की गणना और जुर्माना लग रहा है।