
व्यापम द्वारा उपरोक्त भर्ती प्रक्रिया को परीक्षा द्वारा सम्पादित किया जाकर मेरिट तथा प्रतीक्षा सूची जारी की गयी। मगर विभाग इसे प्रतीक्षा-सूची लम्बी होने के नाम पर ख़ारिज कर रहा है और पूरी प्रक्रिया को निरस्त करवाने का षड्यंत्र किया जा रहा है। दैनिक भास्कर ने 15 सितम्बर के लेख द्वारा इसकी पुष्टि भी कर दी है। इसे रद्द करवाने का घोटाले के षड्यंत्र में विभाग के ही लोग शामिल हैं। इस तरह से प्रभार राज कायम रखने की कोशिश जारी है।
विभाग के संचालनालय द्वारा वेबसाइट पर नोटिस द्वारा विभिन्न तकनीकी /गैर तकनीकी पदों के लिए अभ्यर्थियों को उनके दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बुलाया गया है। दस्तावेजों का सत्यापन हुए 3 महीने हो चुके परन्तु सफल/असफल मेरिट होल्डर अभ्यर्थियों की सूची जारी नहीं की जा रही I और न प्रतीक्षासूची के अनुसार किसी को मौका दिया जा रहा है । अगर अभ्यर्थियों ,जिनके पास अर्हकारी डिग्री न होने के कारण रिजेक्ट किया गया है तो सूची के अनुसार प्रतीक्षारत को मौका न देना किसी बड़े घोटाले कि ओर इशारा करते हैं।
अगर प्रतीक्षासूची लम्बी है तो कम से कम समाचारपत्रों और मीडिया में विज्ञापन द्वारा ऐसे प्रतीक्षासूची वाले अभ्यर्थियों को मौका देना चाहिए जिनके पास अर्हकारी योग्यता वाली उपाधियाँ हैं। परन्तु विभाग के अधिकारियों ने अपनी प्रक्रिया में लापरवाही का जिम्मा व्यापमं के सिर पे डाल दिया है ताकि इस सीधी भर्ती को निरस्त करवाया जा सके क्योंकि स्थापना के अधिकारियों को सीधी भर्ती हजम नहीं हो पा रही।