संगठन महामंत्री सुहास भगत ने MLA गायत्री राजे के साथ आए नेताओं को डांटकर भगाया

Bhopal Samachar
देवास। देवास की राजनीति में तेजी से बदलाव आया है। राजमहल से चलने वाली राजनीति अब होटल से चल रही है। देवास रियासत के महाराज, पूर्व मंत्री और देवास विधायक तुकोजीराव पवार के निधन के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी गायत्री राजे को टिकट देकर जिताया था परंतु अब उन्हे किनारे कर दिया गया है। हालात यह हैं कि जब आपत्ति जताने के लिए गायत्री राजे संगठन महामंत्री सुहास भगत के पास पहुंची तो उन्होंने गायत्री राजे के साथ आए नेताओं को डांटकर भगा दिया। इशारा साफ था। देवास में गायत्री राजे का राज खत्म। 

मामला भाजयुमो के दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का है। सोमवार दोपहर सत्र की शुरुआत हुई। वर्ग में प्रदेशभर के 137 पदाधिकारी शामिल हैं। इनमें जिलाध्यक्ष व समितियों के प्रमुखों को बुलाया गया है। सोमवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन महामंत्री अतुल राय, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, भाजयुमो प्रदेश प्रभारी पंकज जोशी, प्रदेशाध्यक्ष अभिलाष पांडे सहित अन्य पदाधिकारी आए। मंगलवार को शिवराज सिंह। 

पहली बार पैलेस को दरकिनार कर किया आयोजन
देवास के इतिहास में यह पहली बार है जब भाजपा का कोई आयोजन राजमहल को दरकिनार कर किया जा रहा है। महल विरोधी कार्यकर्ताओं को पॉवर दी गई। कई पदाधिकारियों को केवल इसलिए काम नहीं दिया गया क्योंकि वो गायत्री राजे के विरोधी नहीं है। राजमाता एवं विधायक गायत्री राजे पवार भी इससे नाराज हैं। उन्होंने सत्र के दौरान ही अपनी बात रखने की कोशिश की लेकिन संगठन महामंत्री के रुख ने स्पष्ट संकेत दे दिए कि अब देवास में पैलेस का दबदबा खत्म। 

गायत्री राजे के साथ आए नेताओं पर भड़के सुहास भगत
सूत्रों के मुताबिक देवास राजघराने की राजमाता एवं विधायक गायत्री राजे पवार अपने समर्थकों के साथ सुबह होटल नंदन कानन पहुंची। उन्होंने प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत को इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई। इसी बीच उनके साथ गए एक मंडल अध्यक्ष बीच में बोलने लगे तो सुहास भगत ने उन्हें डांट दिया और कहा कि कब से हो पार्टी में, क्या दायित्व है आपका। इतना ही नहीं बाहर भीड़ लगाकर ख़ड़े विधायक समर्थकों को भी भगत ने फटकार लगाई और कहा कि ये क्या तरीका है। क्यों भीड़ लगा रखी है। इसके बाद उक्त पदाधिकारीगण चुपचाप पीछे लौट गए। बताया गया कि विधायक गायत्री राजे पवार ने भगत से कहा कि वर्ग में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई है। जिनके पास दायित्व हैं और जो सक्रिय है उन्हें वर्ग की व्यवस्थाओं से दूर रखा गया जबकि जिनके पास दायित्व नहीं है उन्हें शामिल किया गया। भाजपा में चर्चा हुई कि आयोजन के लिए विधायक की ओर से कुछ नाम दिए गए थे जिनको दरकिनार किया गया इसलिए यह स्थिति बनी।
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