भोपाल। फर्जी खाता बनाकर किसानों के मुआवजे का 23 लाख रुपए हड़पने वाले डिप्टी इंजीनियर समेत पूरे रैकेट के खिलाफ मामला दर्ज कर, गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस को इस मामले में शिकायत की जांच करने में पूरे 5 साल लगे। जलसाजी के आरोप में उपयंत्री आरके उपाध्याय, स्थल सहायक रमा शंकर शुक्ला, लिपिक एसडीएम कार्यालय राजेन्द्र सिगौत तथा हल्का पटवारी कमलेश गौड को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार पन्ना तहसील अन्तर्गत पटवारी हल्का नम्बर इटवांखास के दो किसानों की जमीन सिरस्वहा बांध के अन्तर्गत आ गई थी।
जिन्हें शासन द्वारा जमीन के बदले में मुआवजा देना था। जल संसाधन विभाग ने दोनों किसान राममूर्ति पांडे एवं जागेश्वरी के लिए क्रमश: 13 लाख 69 हजार तथा 9 लाख 65 हजार 256 रूपये का मुआवजा तय किया था। उक्त मुआवजा एसडीएम कार्यालय पन्ना द्वारा दिया जाना था लेकिन विभागीय अधिकारियों तथा कर्मचारियों के रैकेट ने इस मामले में जालसाजी कर डाली।
रैकेट ने मुआवजा प्रकरण में किसानों के नाम बदल डाले। राममूर्ति को रामकुमार और जागेश्वर शर्मा को हरीराम शर्मा के नाम से दर्ज कर लिया। दोनों फर्जी नामों से चैक बन गए। इधर रैकेट ने आईसीआईसीआई बैंक में दोनों किसानों के फर्जी खाते खुलवा लिए और चैक क्लीयर कराकर रैकेट ने सारी रकम आपस में बांट ली।
पूरे 5 साल दोनों किसान यहां से वहां न्याय की गुहार में भागते रहे। अंतत: 16 सितम्बर 17 को कोतवाली पन्ना में अपराध क्रमांक 586/17 एवं 587/17 धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर फर्जीवाडा में शामिल उपयंत्री आरके उपाध्याय स्थल सहायक रमा शंकर शुक्ला, लिपिक एसडीएम कार्यालय राजेन्द्र सिगौत तथा हल्का पटवारी कमलेश गौड को गिरफ्तार किया गया। बैंक में फर्जी खाता खोलने वाले आईसीआईसीआई बैंक के फील्ड आफीसर संतोश यादव निवासी झारखंड के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
इनपुट: संदीप विशवकर्मा, पन्ना।