
मौलवी हुए नाराज
सरकारी कर्मचारी ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर बताया कि इस तरह की शादियां अब स्वतंत्र रूप से रजिस्टर्ड हो सकेंगी। इस योजना से मौलवी नाराज हो गए हैं। मौलवियों का मानना है कि इस्लामी शरिया में शादी के नियम में फेरबदल नहीं किया जा सकता है।
राष्ट्रपति ने भेदभाव से लड़ाई लड़ने का वादा किया है। देश में चिकित्सा, कृषि और वस्त्र कर्मचारियों के रूप में बड़ी संख्या में भागीदारी देने वाली महिलाएं उच्च शिक्षित भी हैं। राष्ट्रपति के दूसरे पहल पर अभी तक फैसला नहीं लिया जा सका है। यह पहल महिलाओं के उत्तराधिकार से संबंधित है।