
इसके साथ ही साइड लोअर बर्थ पर सफर करने वाले यात्री को साइड अपर के यात्री को दिन में नीचे बैठने की जगह देनी होगी। ऐसा तब भी होगा जब लोअर बर्थ में आरएसी वाले दो यात्री पहले से सफर कर रहे हैं। हालांकि अपर बर्थ का यात्री रात 10 से सुबह छह बजे तक लोअर बर्थ का दावा नहीं कर सकेगा।
गर्भवती महिला, बीमार और दिव्यांग यात्रियों के लिए उनके आग्रह पर इन नियमों में रियायत दी जा सकेगी। हालांकि यह अनिवार्य नहीं होगा। मिडिल बर्थ पर सोने को लेकर रेलवे द्वारा समय निर्धारण यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखकर किया गया है। पर इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी।
देर रात यात्रा शुरू करने वाले यात्री की सीट अगर मिडिल बर्थ है तो उसे सुबह छह बजे उठाना विवाद का कारण बन सकता है। दूसरी ओर मिडिल बर्थ खोलने के लिए लोअर में आराम करने वाले यात्री को भी जगाना होगा।