नम्रता के हाई प्रोफाइल हत्यारे को CBI भी नहीं तलाश पाई!

भोपाल। व्यापमं घोटाले से जोड़ी गईं 24 संदिग्ध मौतों में से 23 पर सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट तैयार कर ली है लेकिन नर्मता डामोर के हाईप्रोफाइल हत्यारे की कॉलर पर हाथ डालने का जोखिम सीबीआई भी नहीं उठा पाई। बता दें कि नर्मता डामोर की संदिग्ध मौत को कभी आत्महत्या तो कभी हादसा बताकर फाइल बंद की जाती रही परंतु बार-बार यह सामने आता रहा और यह संकेत भी देता रहा कि हत्यारा इतना रसूखदार है कि उसके हाथों में हथकड़ी पहनाने की हिम्मत किसी सिंघम में नहीं है। न्यूज चैनल आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह की संदिग्ध मौत भी इसी मामले की छानबीन के दौरान हुई थी। 

मेडिकल छात्रा नम्रता डामोर की हत्या के मामले में सीबीआई अब तक किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। सीबीआई अफसरों का कहना है कि इस पर काम अभी पूरा नहीं हुआ है। इसमें पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स की टीम और मेडिको लीगल एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट अलग-अलग आने के बाद सीबीआई ने दिल्ली के पांच बड़े मेडिकल कॉलेजों के फॉरेंसिक एक्सपर्ट की भी राय ली है। हालांकि इसमें भी कोई एक राय नहीं होने के कारण सीबीआई किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। उल्लेखनीय है कि 7 जुलाई 2012 को नम्रता की लाश उज्जैन के पास रेलवे पटरी के किनारे मिली थी।

सबसे पहले इसे सुसाइड माना गया और फिर हादसा लेकिन पीएम रिपोर्ट आने से पहले डॉक्टर ने बताया कि यह हत्या है। जब रिपोर्ट आई तो उसमें हत्या का जिक्र नहीं था। बाद में डॉक्टर भी पलट गया। एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया में बयान दिया कि वो इस केस की फाइल खोलेगा और पूरा सच बाहर निकालकर लाएगा परंतु रातों रात कुछ ऐसा हुआ कि अधिकारी पलट गया और फाइल बंद कर दी। व्यापमं घोटाले की जांच कर रहे दिल्ली के टीवी पत्रकार अक्षय सिंह ने नर्मता हत्याकांड की जांच शुरू की। जिस दिन वो नर्मता के माता पिता से मिले, उसी दिन उनकी संदिग्ध मौत हो गई। इसके बाद आजतक चैनल ने इस जांच के लिए किसी दूसरे पत्रकार की ड्यूटी भी नहीं लगाई। व्यापमं घोटाले में नए नए खुलासे करने वाले तमाम नेताओं में से एक भी ऐसा नहीं जिसने नर्मता हत्याकांड की बात की हो। अब बॉल सीबीआई के पास है। 

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