
महिला के पति ने उसके खिलाफ मामला दायर किया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए महिला और उसका दूसरा पति हाई कोर्ट गए थे। हाई कोर्ट ने महिला को किसी भी तरह की राहत देने से मना करते हुए उसकी गिरफ्तारी पर रोक की मांग को भी खारिज कर दिया।
जौनपुर की खुशबू तिवारी की पहली शादी 30 नवंबर 2016 को हुई थी। उसने पहली शादी से बिना तलाक लिए जौनपुर बरसठी के रहने वाले अशरफ से दूसरी शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया। जिसके बाद वह खुशबू तिवारी से खुशबू बेगम बन गई थी। उसने अशरफ से दूसरी शादी कर ली। दोनों की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया कि वे बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने यह आदेश दिया।
याचिका का विरोध कर रहे अधिवक्ता विनोद मिश्रा ने कहा कि दोनों के खिलाफ जौनपुर में एनसीआर दर्ज है। कोर्ट ने नूरजहां बेगम उर्फ़ अंजलि मिश्रा केस का हवाला देते हुए याचिका ख़ारिज करते हुए शादी को शून्य करार दे दिया। साथ गिरफ्तारी पर रोक लगाने से भी मना कर दिया।