मप्र में रिटायर्ड कर्मचारियों को 7वां वेतनमान की तैयारी

भोपाल। मध्यप्रदेश के साढ़े तीन लाख से ज्यादा पेंशनरों को सरकार सातवें वेतनमान का तोहफा जल्द दे सकती है। छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति मिलने के बाद वित्त विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यदि सबकुछ ठीक रहा तो दीपावली तक फैसला हो सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्त मंत्री जयंत मलैया को इसका फॉर्मूला सहित अन्य चीजें तय करने का जिम्मा सौंपा है। वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ ने 2.57 के फॉर्मूले से पेंशनरों को सातवां वेतनमान देने पर सहमति जताई है। इसका पत्र भी विभाग को मिल गया है। 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन देने का फैसला हो चुका है।

गेच्युटी केंद्र के नए फॉर्मूले से देना है या पुरानी व्यवस्था से, ये सरकार को तय करना है। पुराने हिसाब से गेच्युटी 10 लाख रुपए मिलेगी और नए फॉर्मूले में 20 लाख रुपए या साढ़े 16 माह का वेतन, जो कम हो, दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ से सहमति मिलने के बाद अब फैसला सरकार को करना है। राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने संबंधी निर्णय के लिए भेजे प्रस्ताव में पेंशनर का मामला भी शामिल था पर कोई निर्णय नहीं हो सका। इसको लेकर पेंशनरों में अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई।

सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों वित्त मंत्री जयंत मलैया ने पेंशनर्स संगठन से जुड़े कुछ प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाया था। उन्होंने मांगों पर बात करने से पहले मिठाई खिलाई और संकेत दिए कि सरकार का रवैया सकारात्मक है और जल्द ही फैसला भी होगा। माना जा रहा है कि दीपावली से पहले यह फैसला हो सकता है। 

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