बिन बारिश आई बाढ़, नर्मदा खतरे से 4 मीटर ऊपर, भोपाल में मुंडन कराया

बड़वानी/भोपाल। गुजरात में बना सरदार सोरवर बांध का बैक वाटर मप्र में तबाही मचा रहा है। मप्र में सूखे के हालात हैं परंतु नर्मदा नदी खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर बह रही है। जिसके चलते 1964 में नदी पर बना एतिहासिक राजघाट का पुल डूब गया है। पानी घरों तक पहुंच रहा है। इलाके का चारों तरफ से संपर्क टूट गया है। इधर भोपाल में सरदार सरोवर बांध प्रभावितों के समुचित विस्थापन की मांग को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर सहित प्रभावितों ने नीलम पार्क में डेरा डाल दिया है। प्रदर्शनकारियों ने आज मुंडन कराया और अर्थी सजाई। 

गुजरात में बने सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर के चलते नर्मदा नदी का पानी खतरे के निशान से चार मीटर से भी ऊपर पहुंच गई है। अब भी जल स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। राजघाट में 1964 में 35 लाख की लागत से बना पुल पूरी तरह पानी में डूब गया है। प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए रास्ता बंद कर दिया है। जिससे धार, अलीराजपुर, झाबुआ के साथ-साथ गुजरात राज्य का संपर्क टूट गया है।

सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई तय होने के बाद बड़वानी जिले के ही कसरावद में एक नए पुल का निर्माण कराया गया है लेकिन आज यह ऐतिहासिक पुल हमेशा के लिए नर्मदा नदी में समा गया है। लगातार बढ़ते जल स्तर के मद्देनजर प्रशासन ने राजघाट में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधनों के साथ एसडीआरएफ और होमगार्ड की टीम को तैनात कर दिया है।

इधर भोपाल में सरदार सरोवर बांध प्रभावितों के समुचित विस्थापन की मांग को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर सहित प्रभावितों ने राजधानी के नीलम पार्क में डेरा डाल दिया है। सरदार सरोवर के डूब प्रभावित सैकड़ों विस्थापितों का आज सुबह से ही राजधानी भोपाल पहुंचने का सिलसिला शुरू था। नीलम पार्क में विस्थापितों ने सरकार की अर्थी सजाकर मुंडन कराकर विरोध जताया। आगामी 17 सितंबर को सरदार सरोवर बांध का लोकार्पण है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन भी है। सरदार सरोवर डूब प्रभावितों के विस्थापन की मांग लेकर मेधा पाटकर ने के साथ पहुंचे करीब 30 प्रभावितों ने अपना सिर मुंडवा लिया और सरकार की अर्थी रखकर प्रदर्शन किया। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !