मध्यप्रदेश: राजधानी समेत 35 जिलों में सूखे का संकट

भोपाल। मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून में एक जून से 12 सितंबर तक प्रदेश के 16 जिले ऐसे हैं जहाँ सरकारी रिकॉर्ड में सामान्य वर्षा दर्ज हुई है। कम वर्षा वाले जिलों की संख्या 35 है। ये वो जिले हैं जहां सूखे के हालात साफ दिखाई देने लगे हैं। बस सरकारी स्तर पर इन जिलों को सूखा घोषित किया जाना शेष है। अभी तक हुई सामान्य औसत वर्षा 639.5 मिमी दर्ज की गई है जबकि प्रदेश की सामान्य औसत वर्षा 856.6 मिमी है।

सामान्य वर्षा वाले जिले कटनी, रीवा, सिंगरौली, इंदौर, धार, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, आगर-मालवा और राजगढ़ हैं। कम वर्षा वाले जिले जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिण्डोरी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सीधी, सतना, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, अलीराजपुर, देवास, शाजापुर, मुरैना, श्योपुर, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, हरदा, बैतूल और होशंगाबाद हैं।

शहर में फिर मौसम के दो रंग देखने को मिले। सोमवार को सुबह से तीखी धूप के तेवर रहे। शाम होते ही आसमान काली घटाओं से घिर गया, रिमझिम बारिश भी हुई। शहर से लगे क्षेत्रों में हल्की बौछारें पड़ीं। इससे हवा में ठंडक घुल गई। पिछले कुछ दिनों से तापमान ज्यादा है। नमी भी बनी हुई है।  मौसम वैज्ञानिक डाॅ. डीपी दुबे ने बताया अभी तीन चार दिन मौसम ऐसा ही रहेगा। धूप निकलेगी, बादल छाएंगे, गरज-चमक के साथ कहीं ज्यादा तो कहीं कम बारिश होगी। 

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