लखनऊ। उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और शिक्षामित्रों के बीच टकराव के हालात बन गए हैं। कल तक यूपी सरकार बीच का रास्ता निकालने की बात कर रही थी परंतु सोमवार को उसने साफ कह दिया कि वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी। इधर शिक्षामित्रों ने अब योगी सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया है। सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह ने शिक्षामित्रों के विभिन्न संगठनों से वार्ता मे शिक्षामित्रों को सरकार का पक्ष बता दिया।
समायोजन रद्द होने से नाराज शिक्षामित्रों के प्रदेशव्यापी आंदोलन के छठवें दिन सोमवार शाम को अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह ने विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया था। ऐसें में सहायक शिक्षकों को अब शिक्षामित्र के पद पर लौटना होगा। सरकार ने शिक्षामित्रों द्वारा सुझाए गए सभी विकल्पों को ठुकरा दिया।
हर महीने मिलेगा 10 हजार रुपये मानदेय..?
हालांकि, सरकार ने कहा है कि शिक्षामित्रों का मानदेय 3,500 से 10, 000 रुपये कर दिया जाएगा और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार उन्हें टीईटी पास करने के दो मौके दिए जाएंगे।
1.37 लाख शिक्षामित्रों को ही मिलेगा बढ़ा हुआ मानदेय
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित होकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पुन: शिक्षामित्र बने 1.37 लोगों को ही 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। समायोजित होने से वंचित रहे शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं किया गया है।