नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद अब नरेंद्र मोदी सरकार का नया अभियान शुरू होने जा रहा है। मोदी सरकार देश भर में मौजूद 'रामू' की तलाश कर रही है। यह वही व्यक्ति है जो काले कारोबारियों के यहां ड्राइवर, माली या चौकीदार होता है। ये अपने मालिक का वो ट्रंप कार्ड है जिसे खुद नहीं पता कि वो नोटबंदी के दौरान करोड़पति हो गया है। उसके बैंक खाते में करोड़ों का लेनदेन हो रहा है और उसके नाम से करोड़ों की संपत्तियां खरीदी जा रहीं हैं। वो तो बस कुछ ज्यादा वेतन और अपने मालिक की विशेष कृपा के लालच में हर उस जगह पर अंगूठा लगा देता है जहां मालिक या सेठजी बोलते हैं।
पत्रकार मोहित चतुर्वेदी @mohitchaturvedi123 की रिपोर्ट के अनुसार कई मामलों में सामने आया है कि कि जितनी प्रॉपर्टी घर के मालिक की नहीं होती उससे कहीं ज्यादा घर के नौकर की होती है। रियल स्टेट में कालेधन का निवेश कुछ इसी फॉर्मूले पर होता है। सैलेरी भले ही 5000 हो लेकिन प्रॉपर्टी 5 करोड़ की होगी। अब मोदी सरकार का नया मिशन बन गया है देश के सारे रामू जैसे लोगों को ढूंढ निकालना, जिनके नाम पर बेनामी संपत्ति खरीदी गई है। पीएम मोदी ने इसके लिए नया प्लान निकाल लिया है।
पकड़े गए तो सारी संपत्ति सरकार की
इस फैसले से सरकार ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं। एक तो फर्जीवाड़ा करने वालों के नाम सामने आ जाएंगे और फर्जी संपत्तियां सरकार के नाम हो जाएगी। यानी फर्जीवाड़ा करने वाला भी सामने आ जाएगा और सरकार को मुनाफा भी हो जाएगा। इससे बेचारे रामू भी पकड़ा जाएगा। जिसे इस बात का पता ही नहीं है। साथ ही सेठजी भी सामने आ जाएंगे जो बैठे बिठाए करोड़ों छाप रहे हैं।