भोपाल। मध्यप्रदेश में शायद डॉक्टर समुदाय ही है जो उच्च शिक्षित होने के बावजूद कानून का सहारा लेने के बजाए मजदूरों की तरह बार बार हड़ताल पर चला जाता है। पिछले दिनों ग्वालियर में डॉक्टर ने मरीज के परिजन को बेरहमी से पीटा तब इस समुदाय ने निंदा तक नहीं की, अब टीकमगढ़ में 35 डॉक्टर्स इसलिए हड़ताल पर चले गए हैं क्योंकि एमडी डॉक्टर अमित शुक्ला के साथ किसी ने अभद्र व्यवहार कर दिया। इस हड़ताल के कारण 1 मरीज की मौत हो गई जबकि सैंकड़ों परेशान हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर मांग की गई है कि इस मौत के लिए हड़ताली डॉक्टरों को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
टीकमगढ़ जिला अस्पताल के 35 डॉक्टरों ने सोमवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा सिविल सर्जन को सौंप दिया। अस्पताल में पदस्थ एमडी डॉक्टर अमित शुक्ला के साथ 16 अगस्त को हुई मारपीट की घटना के विरोध में डॉक्टरों के यह इस्तीफे हुए हैं। इसके पहले डॉक्टरों ने मारपीट करने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा था।
सामूहिक इस्तीफे की अफरा-तफरी के बीच बल्देवगढ़ के दुर्गानगर गांव के रहने वाले शिक्षक राजाराम तिवारी को हार्ट अटैक के कारण गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल के कारण उन्हें इलाज नहीं मिल सका। कुछ देर में ही उनकी मौत हो गई।
सोमवार को डॉक्टरों के इस्तीफा देकर चले जाने से जिला अस्पताल में लोग इलाज के लिए भटकते रहे। स्थिति को संभालने के लिए सिविल सर्जन डॉ. आरएस दंडौतिया राउंड पर निकले। कुछ देर बाद सीएमएचओ डॉ. वर्षा राय ने भी अस्पताल पहुंचकर मरीजों का इलाज शुरू किया पर जिला अस्पताल पहुंचने वाली मरीजों की भारी भीड़ के लिए मात्र दो डॉक्टर नाकाफी थे।