
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। अभी जो कानून अमल में है उसमें किसी मामले में दोषी साबित होने पर छह साल तक चुनाव लडऩे पर प्रतिबंध है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नए कानून के बारे में अपील विचाराधीन है। इसमें मांग है कि दागी जनप्रतिनिधि के आजीवन चुनाव लडऩे पर रोक लगे और उसे उसी दिन से अयोग्य माना जाना चाहिए जब से उस पर अदालत में चार्ज फ्रेम हो।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि चार्ज फ्रेम होने के दिन से ही जनप्रतिनिधि को अयोग्य मानने के प्रावधान का गलत इस्तेमाल होगा। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस मामले में फटकार लगाई थी। आयोग इस मामले में अभी तक अपनी राय नहीं बना पाया है।