एडविना के अलावा और कितनी महिलाएं थीं नेहरू की जिंदगी में

पंडित जवाहर लाल नेहरू के बारे में कई तरह की बातें कहीं जाती हैं। उनमें सबसे ज्यादा जिस पर चर्चा होती है वह नाम हैं हिंदुस्तान के अंतिम वाइसराय माउंटबेटन की पत्नी एडविना के बारे में। इसमें कोई शक नहीं कि नेहरू और लेडी एडविना माउंटबेटन के बीच काफी आत्मीय रिश्ते थे। दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। आज भी इस रिश्ते को लेकर इस बात पर बड़ा भ्रम है कि इन रिश्तों को कहां तक आगे ले जाकर देखा जाए।

भारत की आजादी के पहले माउंटबेटन और जवाहरलाल नेहरू के बीच कई बार लंबी मुलाकातें हुईं। यह मुलाकातें माउंटबेटन के घर पर और देर रात तक भी चलीं। इसी दौरान नहरू की मुलाकात माउंटबेटन की पत्नी एडविना से हुई और धीरे धीरे यह मुलाकात दोस्ती में बदल गई। दोस्ती कब प्यार में बदल गया दोनों को पता ही नहीं चला। जब होश आया तब तक दोनों प्यार में डूब चुके थे। पराई पत्नी से नेहरू का यह प्यार उनके जिंदा रहते तक चला। 

नेहरू, एडविना को हमेशा पत्र लिखते रहे। वो सरकारी खर्च पर एडविना से मिलने के लिए ब्रिटेन जाते थे। एडविना भी सालभर में एक बार भारत जरूर आती थीं। उनको दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में सरकारी मेहमान के रूप में ठहराया जाता था।

माउंटबेटन और एडविना की बेटी पामेला माउंटबेटन ने भी माना था कि नेहरू और उनकी मां एक-दूसरे को पसंद करते थे। कुछ साल पहले पामेला ने भारतीय पत्रकारों के सामने स्वीकार करते हुए कहा-दे आर इन लव- (यानी वे प्यार करते थे) वे आगे कहती हैं- उनके बीच भावनाओं और गहरे प्यार को समझना लोगों के लिए मुश्किल होगा। दोनों काफी एकाकी थे।

नेहरूजी की पत्नी का निधन हो गया था। माउंटबेटन काफी व्यस्त रहते थे। एडविना इंट्रोवर्ट चरित्र की महिला थीं। उनका दूसरे लोगों से बोलचाल और मिलना-जुलना ज्यादा नहीं था, लेकिन उनमें और नेहरू में जब बात होने लगी तो यह हैरानी की बात थी। भारत छोड़ने के बाद भी ये दोनों सालभर में एक दो बार मिल लेते थे। ये बात माउंटबेटन को पता थीं।

सरोजनी नायडू की बेटी पद्मजा के भी काफी करीब थे नेहरू 
नेहरूजी के सचिव केएफ रुस्तम की डायरी के संपादित अंश किताब के रूप में प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने एडविना और नेहरू के बीच के प्यार के बारे में लिखा है कि दोनों अभिजात्य वर्ग के थे। दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे। नेहरूजी के अन्य महिलाओं के प्रति अनुराग को लेकर काफी कुछ लिखा गया है। नेहरूजी के सचिव रुस्तम लिखते हैं कि उन्हें महिलाओं का साथ यकीनन भाता था। ये महिलाएं प्रखर बुद्धि और प्रतिभावान होती थीं। सरोजनी नायडू की बेटी पद्मजा उनके करीब थीं। वे नेहरूजी के काफी करीब थीं और उनका काफी ख्याल रखती थीं।


एडविना से चिढ़ती थीं पद्मजा
इंडियन समर – द सीक्रेट हिस्ट्री ऑफ द एंड आफ एन एम्पायर किताब के लेखक अलेक्स वॉन टेजमन ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा, एक बार पद्मजा ने गुस्से में एडविना की फोटो फेंक दी। हालांकि बाद में दोनों अच्छी दोस्त बन गईं। टेजमन के अनुसार, नेहरू को होशियार महिलाएं पसंद थीं।

श्रद्धा माता और मृणालिनी साराभाई से भी करीबी 
रुस्तम की डायरी में देश की प्रसिद्ध नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई का भी जिक्र हैं। बाद में वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की पत्नी बनीं। वह भी उनके काफी करीब रहीं। नेहरू के बाद में सचिव बने एमओ मथाई ने नेहरू के जीवन में बनारस की किसी महिला का जिक्र किया है, शायद वह श्रद्धा माता थीं।

प्लेब्वॉय की तरह थे 
मथाई का कहना है कि वह किसी प्लेब्वॉय की तरह थे। जब मथाई ने किताब रिमिनिसेंस लिखी तो उसमें एक अध्याय नेहरू के जीवन में आई महिलाओं पर था। बाद में इसे प्रकाशन से पहले हटा लिया गया। श्रद्धा माता का जिक्र बाद में देश के वरिष्ठ लेखक खुशवंत सिंह ने भी अपनी किताब में किया है। नेहरूजी के बारे में इस तरह की बातें हमेशा चर्चा में रहती हैं। उनके करीबी या साथ में काम करने वालों ने जो किताब लिखी उसमें उनके महिला प्रेम का संकेत जरूर किया है।
(स्रोत- अहा! जिंदगी, नवंबर 2015 के अंक में छपे दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार संजय श्रीवास्तव के लेख का एक भाग)
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