
क्या है पूरा मामला
विधायक माखन जाटव की 13 अप्रैल 2009 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छरैंटा गांव में चुनावी सभा से लौटने के दौरान उन्हें गोली मारी गई थी। विधायक हत्याकांड में पुलिस द्वारा नारायण शर्मा, शेरा उर्फ शेर सिंह, पप्पू उर्फ मेवाराम, सेठी कौरव, गंधर्व सिंह, केदार सिंह, तेजनारायण शर्मा (मृत्यु हो चुकी), रामरूप सिंह गुर्जर को आरोपी बनाया गया था।
हत्याकांड की जांच सीबीआई की भोपाल विंग ने की थी। सीबीआई की जांच में भी मंत्री लाल सिंह आर्य का नाम नहीं आया था। इसी के बाद माखन हत्याकांड में फरियादी पक्ष के वकील रामप्रताप कुशवाह ने कोर्ट में धारा 319 के तहत आवेदन लगाकर मंत्री लाल सिंह आर्य को भी आरोपी बनाने के लिए आवेदन दिया था। कोर्ट ने मई में फैसला सुनाया और लंबी कानूनी कार्रवाई के बाद एक बार फिर आरोपी बनाया था। इसके बाद मंत्री ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई और अपने खिलाफ तय हुआ आरोप खारिज करवा लिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए मंत्री को आरोपी माना है।