चोटीकट: शिवपुरी और दमोह में भी हुई घटना, इलाकों में दहशत

भोपाल। चोटीकट के मामले सारे देश से सामने आ रहे हैं। विज्ञान पर भरोसा करने वाले इसे अंधविश्वास कह रहे हैं परंतु जो महिलाएं इसका शिकार हो रहीं हैं वो दावा कर रहीं हैं कि उनकी चोटी अपने आप कट गई। राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली के बाद अब मप्र में ऐसी घटनाएं सामने आने लगीं हैं। मप्र के शिवपुरी जिले में 2 घटनाएं सामने आईं हैं जबकि दमोह में 1 मामला प्रकाश में आया है। शिवपुरी के बैराढ़ एवं कोलारस में इसी तरह के मामले सामने आए हैं। 

दमोह में पाठा गांव निवासी महिला गायत्री पति भगवानदास पटेल 26 ने बताया बुधवार रात वह घर में बच्चों के साथ सो रही थी। रात 12 बजे के लगभग ऐसा लगा जैसा किसी ने मुझे दबा लिया हो। जिससे घबरा कर जैसे ही उठी तो मेरी चोटी के बाल पलंग के नीचे डले हुए थे। बाद में तुरंत उसने यह बात अपनी सास और पति को बताई। महिला ने बताया कि रात में ही घटना के बाद उसे चक्कर आने लगे। सिर दर्द होने लगा और बुखार आ गया। रात में ही पीड़ित के ससुर द्वारा घटना की जानकारी अपने पड़ोसियों की दी।

इसलिए दहशत में हैं महिलाएं
घटना में हकीकत जितनी भी हो, लेकिन ग्रामीण सहमे हुए हैं। खासतौर पर महिलाओं में दहशत का माहौल है। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने सुना है कि चोटी काटे जाने के बाद जिस महिला की चोटी काटी जाती है उसकी तीन दिन बाद मौत हो जाती है। यही कारण है कि इस घटना के बाद पीड़ित महिला सहित गांव की अन्य महिलाएं भी डरी हुई हैं।

दरवाजे पर लगा रहे गोबर और हल्दी के हाथे
अंधविश्वास के चलते गांवों में महिलाओं द्वारा घर के मुख्य द्वार पर दोनों ओर हल्दी और गोबर के हाथ लगाए जा रहे हैं। पाठा गांव में शायद ही ऐसा कोई घर हो जिसमें हाथ नहीं लगाए गए हो। यहां की बड़ी बहू पटेल ने बताया कि ऐसी चर्चा है कि घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और गोबर के हाथ लगाने के बाद कोई बाधा घर में प्रवेश नहीं करती, जिससे सुरक्षा के लिए यह उपाय किया है।

शिवपुरी में काटे जा रहे हैं शगुन के बाल
शिवपुरी में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए महिलाएं खुद अपने हाथ से अपने कुछ बाल शगुन के तौर पर काटकर कथित चुड़ैल को अर्पित कर रहीं हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा करने से उनके साथ ऐसी घटना नहीं होगी। बता दें कि लगभग हर साल इन दिनों में ऐसी कुछ अफवाहें सामने आती रहतीं हैं। ज्यादातर मामले महिलाओं से संबद्ध होते हैं। 

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