
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, "भारत-चीन के बीच ताजा विवाद दिखाता है कि दोनों देशों के बीच दुश्मनी का नया फेज शुरू हो चुका है। ये दुश्मनी केवल 2,167 मील लंबी और हिमालय से सटी सीमा तक नहीं रहेगा बल्कि इसकी रेंज साउथ एशिया और हिंद महासागर तक रहेगी।
और क्या है रिपोर्ट में?
वॉन के मुताबिक, "विवाद के चलते ये होगा कि चीन, भारत को न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में मेंबरशिप देने में रुकावट डालेगा। साथ ही वह पीओके से निकलने वाले चीन-पाक कॉरिडोर (CPEC) और दखल देगा। चीन हिंद महासागर में भी मौजूदगी बढ़ा सकता है।
चीन इस बात से भी नाराज है कि मई में हुए बेल्ट एंड रोड (B&R) समिट भारत शामिल नहीं हुआ था। साथ ही भारत ने कुछ महीने पहले दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश जाने की परमिशन दी थी। भारत, अमेरिका के साथ स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप बढ़ा रहा है।