
चूंकि अध्यापकों के परिवार को सरकार की तरफ से मृत होने पर बीमा, जीपीएफ, पेंशन आदि की सुविधा नहीं है। मृतक अर्जुन के परिवार की आर्थिक हालत भी ठीक नहीं थी और तीन माह पूर्व ही उसके पिता का स्वर्गवास भी हो चुका है और अर्जुन कुशवाह एकलौता पुत्र था। उसके परिवार में उसकी बृद्ध मां, पत्नी,ओर दो बच्चे है।
अर्जुन के सड़क दुर्घटना में मृत होने पर परिवार को चलाने तथा कमाने वाला कोई नहीं बचा। ऐसी विकट स्थिति को देखते हुए कुछ अध्यापक साथियों ने सदमे से पीड़ित और शोक संतप्त परिवार की मदद करने का बीड़ा उठाया और सोशल मीडिया ओर व्हाट्सएप्प पर अध्यापकों के ग्रुपों में मदद की अपील डाली। इस अपील का बड़ा ही अच्छा असर हुआ और देखते ही देखते बड़ी संख्या में मदद के लिए सैकड़ों हाथ उठ गए। ओर करीब 250 लोगों ने आर्थिक मदद की।
अपने अध्यापक साथी की परेशान परिवार की मदद के इस पुनीत कार्य में पूरे जिले के अध्यापकों ने जबरदस्त सहयोग किया।
इस परोपकार के पुण्य कार्य में कुछ समाजसेवी तथा जिले के बाहर के लोग भी मदद हेतु आगे आये। इस मदद अभियान में लगभग डेड़ लाख की राशि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई और सोमवार को जिले भर के सहयोगियों ने इस राशि में से एक लाख की फिक्स डिपॉजिट और पचास हजार नगद राशि मृत सहायक अध्यापक अर्जुन कुशवाह के घर जाकर उसके पीड़ित परिवार को सौंपी। अभियान से पीड़ित परिवार को मिली मदद से वे अविभूत दिखे तथा सभी लोगों को बहुत धन्यवाद दिया।
सहायता अभियान से प्राप्त राशि को सौंपते समय इस मुहिम से जुड़े लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे जिनमें गोविन्द अवस्थी, मनीष बैरागी, धर्मेंद्र रघुवंशी, स्नेह रघुवंशी, बंदना शर्मा, भूपेंद्र रघुवंशी, प्रतिभासिंह, शैतानसिंह यादव, मनमोहन जाटव, प्रदीप अवस्थी, कपिल परिहार, राजेश पाठक, राजेश दांगी, अनिल गुप्ता, घनश्याम शर्मा, बाबूलाल मौर्य, धर्मेंद्र रघुवंशी, नरेंद्र जाट, राजकुमार रघुवंशी, इंद्रपाल यादव, राधेश्याम शर्मा, हरिओम शर्मा, उपस्थित थे।