15 इंस्पेक्टर, 9 सब इंस्पेक्टर और 18 एएसआई जबरन रिटायर किए

रायपुर। खराब परफार्मेंस के आधार पर आईएएस और आईपीएस अफसराें को नौकरी से हटाने के बाद अब राज्य सेवा के अफसरों पर भी गाज गिरी है। सर्विस रिव्यू के बाद सरकार ने पुलिस विभाग के 15 इंस्पेक्टर, 9 सब इंस्पेक्टर और 18 एएसआई रैंक के अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा है। राज्य सरकार के अफसरों-कर्मियों पर यह पहली कार्रवाई है। आईएएस-आईपीएस की तर्ज पर इस साल छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों और कर्मचारियों की सर्विस रिव्यू शुरू किया है। इसके लिए जिला मुख्यालय से लेकर विभागाध्यक्ष स्तर तक रिव्यू कमेटियों का गठन किया गया है।

20 साल की सेवा पूरी करने वाले या 50 साल की आयु पूरी करने वाले सरकारी अफसराें-कर्मियाें का सीआर के आधार पर रिव्यू किया जा रहा है। केंद्र सरकार के रिव्यू में अब तक प्रदेश से डीआईजी और आईजी रैंक के तीन अफसरों को नौकरी से हटाया जा चुका है। प्रदेश में दो आईएएस भी हाल ही में सेवा से निकाले गए हैं। अब निचले स्तर के कर्मचारियों की बारी है। सबसे पहली कार्रवाई गृह विभाग ने की है।

इन्हें मिली सेवानिवृत्ति
इंस्पेक्टर-जेवियर केरकेट्टा, रामकुमार जयसिंधु, फे्रडरिक केरकेट्टा, सविता दास, फिल्मोन टोप्पो, जितेश कुमार वाणी, जय सिंह मंडावी, छन्नूराम उइके, वी प्रभा राव, बरना दत्त कुजूर, संजूराम कोडोपी, विपिन किशोर कुजूर, मोतीलाल शर्मा, दया कुर्रे, बहादुर प्रसाद भाखला।

सब इंस्पेक्टर
धु्रवदास वैष्णव, रामेश्वर प्रसाद रात्रे, खुरबहराराम साहू, दिलीप सिंह मंडावी, नयाराम मारकंडेय, झार सिंह हिरवानी, जगन सिंह कंवर, शिवकुमार साय, वैभव तिग्गा। एएसआई की सूची अभी जारी नहीं की गई है।

डीएसपी-एएसपी पर भी लटकी तलवार
गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक अभी रिव्यू के बाद पहली सूची जारी हुई है। बाद में दूसरी सूची आएगी, जिसमें राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के भी नाम हैं। नईदुनिया ने 12 अगस्त को ही बता दिया था कि गृह विभाग की रिव्यू रिपोर्ट तैयार है और करीब 50 अफसरों की नौकरी जाना तय है। सूची में चार-पांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और डीएसपी स्तर के अधिकारियों के नाम भी हैं, जिनकी अभी घोषणा नहीं की गई है।

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