
रविवार को आम जनता से 'मन की बात' करते हुए प्रधानमंत्री ने त्योहारों के सामाजिक अर्थशास्त्र की जानकारी दी। उन्होंने इस अवसर पर स्वदेश निर्मित वस्तुओं के इस्तेमाल की अपील की। प्रधानमंत्री का कहना था कि त्योहारों में मिट्टी की देश में बनी मूर्तियों और दीयों का इस्तेमाल करने से गरीबों का रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे हमारे त्योहार सामाजिक के साथ-साथ आर्थिक भी बन जाएंगे। वैसे उन्होंने चीन का नाम नहीं लिया। लेकिन, इशारा स्पष्ट था। दिवाली और गणेशोत्सव जैसे त्योहारों के दौरान देश में हजारों करोड़ के सजावटी सामान से लेकर मूर्तियां तक चीन से आती हैं। इससे धीरे-धीरे इनका स्वदेशी उद्योग चौपट हो गया है।
त्योहार शुरू होने से कई महीना पहले प्रधानमंत्री ने चीनी सामान बेचने वाले व्यापारियों को इससे बचने की परोक्ष चेतावनी दे दी। अब देखना यह है कि मोदी का संदेश व्यापारियों तक कितना स्पष्ट होकर पहुंच पाता है और क्या व्यापारी पीएम मोदी के संकेत को समझकर इस बार आयात कम करेंगे।